National Forensic Science University:  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) आज भोपाल दौरे पर हैं. अमित शाह भोपाल में कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. साथ ही दोपहर 2.30 से 3.20 बजे के दौरान वह बरखेड़ा बोंदर इलाके में रहेंगे और वहां नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (National Forensic Science University) कैंपस (Bhopal Campus) का भूमिपूजन करेंगे. नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के भोपाल कैंपस (Bhopal Campus) का निर्माण भले अभी होना है लेकिन इसमें 4 कोर्स इसी सत्र से शुरू हो जाएंगे. 2022-23 सत्र में दाखिला लेने वाले छात्र अभी सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री, बरखेड़ा बोंदर के भवन में पढ़ाई करेंगे. 


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अभी इन कोर्स में ले सकेंगे एडमिशन
 अभी नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, भोपाल (National Forensic Science University, Bhopal) में छात्र अभी 4 कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे. इन कोर्सों में एमएससी फोरेंसिक साइंस, पीजी डिप्लोमा इन फोरेंसिक डॉक्यूमेंट एग्जामिनेशन, पीजी डिप्लोमा इन फिंगरप्रिंट साइंस, पीजी डिप्लोमा इन डीएनए फोरेंसिक जैसे कोर्स शामिल हैं. इन कोर्स में एडमिशन के लिए अभ्यर्थी का विज्ञान विषयों में स्नातक (ग्रेजुएट) होना आवश्यक है. एमएससी इन फोरेंसिक साइंस में 30 सीटें हैं और इस कोर्स की फीस 50 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर है. पीजी डिप्लोमा इन फिंगर प्रिंट साइंस के कोर्स में 20 सीटें हैं और कोर्स की फीस 25 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर है. बाकी दो कोर्स में भी 25-25 सीटें हैं. अगले सत्र से भोपाल कैंपस में सेमी कंडक्टर इंजीनियरिंग एंड सिक्योरिटी और एविएशन फोरेंसिक कोर्स भी शुरू हो सकते हैं. 


ऐसे पाएं एडमिशन
नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में एडमिशन पाने के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट https://www.nfsu.ac.in/admission पर जाना होगा. जहां हर साल अप्रैल माह में अलग-अलग कोर्स के एडमिशन के विज्ञापन जारी किए जाते हैं. जहां विभिन्न कोर्स के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. एडमिशन की प्रक्रिया अप्रैल से जून तक चलती है. एडमिशन के लिए पहले एंट्रेंस एग्जाम होता है. एग्जाम के बाद मेरिट लिस्ट लगती है और बाद में काउंसलिंग के बाद तैयार मेरिट के आधार पर एडमिशन मिलता है. फिलहाल मौजूदा सत्र के एडमिशन हो चुके हैं. 


क्या है फोरेंसिक साइंस
फोरेंसिक साइंस को न्यायिक विज्ञान भी कहते हैं. किसी अपराध की जांच के लिए वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल फोरेंसिक साइंस कहलाता है. वहीं इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को फोरेंसिक साइंटिस्ट कहा जाता है. ये विशेषज्ञ विज्ञान की नई तकनीकों का इस्तेमाल कर सबूतों की जांच करते हैं और अपराधियों को पकड़ने में मदद करते हैं. इस फील्ड में फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, जेनेटिक्स जैसे विषयों में बैचलर डिग्री होना जरूरी है. 


भोपाल के अलावा यहां हैं कैंपस
नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के कैंपस का निर्माण भोपाल में शुरू होने जा रहा है लेकिन इसके अलावा गुजरात, दिल्ली, गोवा, त्रिपुरा, पुणे, गुवाहटी, मणिपुर में भी इसके कैंपस हैं.