Anganwadi Hadtal News: पिछले 15 दिनों से महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा  मानदेय,वेतन वृद्धि व पदोन्नति की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है. इसी आन्दोलन की कड़ी में आज ग्वालियर के बाल भवन परिसर से परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को जगाने का प्रयास करते हुए रैली निकाली गयी.


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उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई
रैली में बड़ी संख्या में महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक मौजूद रहे. जहां रैली में उन्होंने अपने हाथों में सरकार के विरोध में तख्तियां थाम रखी थीं और सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए.जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा करने की अपील की और मांगे पूरी नहीं होने पर सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी भी दी गई.


बड़वानी में एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापन
आज बड़वानी में भी संयुक्त मोर्चा आईसीडीएस परियोजना अधिकारी संघ पर्यवेक्षक संघ एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर आज कलेक्ट्रेट कार्यालय पर रैली के रूप में पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. साथ ही कहा कि प्रदेश के परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों की वेतन विसंगति एवं पदोन्नति संबंधित मांग विगत 25 वर्षों से शासन स्तर पर लंबित है. जिसका विभाग द्वारा कोई निराकरण नहीं किया गया है. जिससे जिले सहित प्रदेश के परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों में बेहद निराशा एवं गंभीर आक्रोश है.  परियोजना अधिकारी ने कहा कि परियोजना अधिकारी का ग्रेड पे 3600 से बढ़ाकर 4800 किया जाए. वर्तमान में देश के अन्य राज्यों में परियोजना अधिकारियों के वेतन की न्यूनतम दर तथा विकासखण्ड स्तर के समकक्ष अधिकारियों में सबसे कम, इसे बढ़ाया जाना चाहिए.


मुरैना में भी हुआ आज प्रदर्शन
वहीं मंगलवार को मुरैना में सभी प्रदर्शनकारी रेस्ट हाउस पर एकत्रित हुए और यहां से एक विशाल रैली निकालते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शनकारियों ने एडीएम नरोत्तम भार्गव को अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन भी सौंपा. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन और भी उग्र किया जाएगा. अब देखना होगा कि पूरे प्रदेश में आंदोलन कर रही आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिकाओं की विभिन्न मांगों को सरकार पूरा करती है या नहीं.वैसे उम्मीद की जा रही है कि चुनावी वर्ष में सरकार इस वर्ग को साधने के लिए कुछ बड़ी सौगात दे सकती है.


रिपोर्ट: प्रियांशु यादव/करतार सिंह राजपूत और वीरेंद्र वासिंदे