MP Assembly Election 2023: भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 229 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं. वहीं बीजेपी ने अभी 228 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. इस बीच दोनों ही दलों में टिकट बटवारे को लेकर बगावत और विरोध जारी है. कुछ दावेदार पार्टी पर आरोप लगाकर टिकट बदलने का दबाव बना रहे हैं तो कुछ पार्टी बदलकर मुकाबला करने को तैयार है. भोपाल में तो कांग्रेस पर एक सीट में RSS और बीजेपी के दबाव में प्रत्याशी घोषित करने का आरोप लगा है.


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पार्टी ऑफिस में प्रदर्शन
शनिवार को भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय में भारी संख्या में गोविंदपुरा इलाके के कार्यकर्ताओं की भीड़ जमने लगी. यहां पर कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और पार्टी ऑफिस के सामने ही हनुमान चालीसा पढ़कर विरेध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं इलाके से टिकट बदलने की मांग कर रहे थे. इनके साथ इस सीट के लिए दावेदारी कर रही दीप्ति सिंह भी मौजूद थीं.


संघ के इशारे में दिया टिकट!
भोपाल के गोविंदपुरा सीट का टिकट से दावेदारी कर रहीं दीप्ति सिंह के समर्थकों ने हनुमान चालीसा पढ़कर विरोध किया. उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया की संघ (RSS) के इशारे पर बीजेपी समर्थित नेता को टिकट दिया गया है. उन्होंने कहा की महिला के सामने महिला को टिकट देना चाहिए वो भी उसे जो पार्टी से संबंध रखता हो. संघ के इशारे पर बीजेपी समर्थित नेता को टिकट देना गलत है.


कांग्रेस को नहीं मिली सफलता
बता दें कांग्रेस ने गोविंदपुरा से रविन्द्र साहू को टिकट दिया है. उनके सामने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू बीजेपी से कृष्णा गौर मुकाबला करेंगी. गोविंदपुरा को बीजेपी का गढ़ भी माना जाता है. यहां से पिछले पिछले 46 साल में कांग्रेस को सफलता हाथ नहीं लगी. 


गौर परिवार का कब्जा
1967 में अस्तित्व में आई इस सीट में जब चुनाव हुए तो पहला और दूसरा चुनाव कांग्रेस जीती है. हालांकि, इसके बाद यहां कांग्रेस की वापसी नहीं हो पाई. यहां से लगातार पूर्व सीएम बाबूलाल गौर चुनाव जीते अब उनकी बहू कृष्णा गौर यहां से विधायक है. 2023 चुनाव के लिए भी उन्हें ही मौका दिया गया है.