Atal Bihari Vajpayee death Anniversary: देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि है. उनका जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्‍य प्रदेश के ग्‍वालियर में हुआ था. कवि, राजनेता के तौर पर वाजपेयी ने राजनीति में सफलता हासिल की तो जनसंघ से बीजेपी और फिर देश के पीएम के तौर पर उनका ऐसा सफर रहा है, जिसकी आज कई मिसालें दी जाती है. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से संबंध सुधार की उनकी कोशिश आज उदाहरण के तौर पर भी देखी जाती है. दिल्ली से उनकी लाहौर बस यात्रा ऐतिहासिक घटनाओं में गिनी जाती है.


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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर पढ़िए उनके अनमोल विचार, PHOTOS


जब पाकिस्तान के लिए निकले वाजपेयी
साल था 1999 तब भारत के तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी बस में बैठकर दिल्ली से लाहौर पहुंचे थे. उनके साथ बस में देश की कई बड़ी हस्तियां मौजूद थी. जिसमें क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव, सिनेमा के सुपरस्टार देवानंद, गीतकार जावेद अख्तर, गायक महेंद्र कपूर और अभिनेता-नेता शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल थे. 20 फरवरी 1999 को वो तारीख आई, जब पीएम की बस भारतीय सीमा को लांघकर पाकिस्तान की सरहद में दाखिल हो गई थी. 


'मित्र बदले जा सकते हैं, पर पड़ोसी नहीं'
गौरतलब है कि जब भारत-पाकिस्तान को लेकर कुछ भी घटना घट रही हो तो लोगों की नजर इस पर से हटती नहीं है. हमेशा की तरह भारत-पाकिस्‍तान में आपसी तनातनी उस वक्त भी कम न थी, लेकिन इसी बीच वाजपेयी की लाहौर बस यात्रा से दोनों मुल्‍कों के रिश्‍तों पर मिठास घोलती नजर आई. लोग पल-पल की घटनाओं को जानने-समझने के लिए टीवी पर नजरें गड़ाए थे. वाजपेयी अक्‍सर कहा करते थे, 'मित्र बदले जा सकते हैं, पर पड़ोसी नहीं'. अपनी इन्हीं सोच के चलते उन्होंने पाकिस्तान का दौरा किया था. 



आप तो पाकिस्तान में भी चुनाव जीत जाएंगे
वाजपेयी का पाकिस्तान दौरा कभी न भूल पाने वाला है. पाकिस्‍तान में वाजपेयी की लोकप्रियता का अंदाजा मुल्‍क के तत्‍कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की उस बात से लगाया जा सकता है, जब उन्‍होंने पाकिस्तान पहुंचते ही वाजपेयी को गले लगाया था. 1999 की ये लाहौर बस यात्रा में उनके दिए भाषण में शांति की खास अपील थी. वहां के लोगों में वाजपेयी को लेकर खासा उत्साह भी देखा जा रहा था. तब वहां मौजूद पाक पीएम नवाज शरीफ ने हंसते हुए कहा, 'वाजपेयी साहब, अब तो आप पाकिस्तान में भी चुनाव जीत सकते हैं' इस बात का जिक्र वरिष्ठ पत्रकार किंगशुक नाग की पुस्तक अटल बिहारी वाजपेयी: ए मैन फॉर ऑल सीजन में किया गया है. 


खेल भी जीतिए औऱ दिल भी
इसके बाद साल 2004 में जब भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्‍तान के दौरे पर जाने वाली थी, तो टीम ने अटल बिहारी वाजपेयी से  मुलाकात की थी. तब अटल जी ने खिलाड़‍ियों को यह कहते हुए रवाना किया कि 'खेल भी जीतिये, दिल भी जीतिये.