Ayodhya Mein Siya Ram: 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला को विराजमान कराया जाएगा. पूरे देश में इसे लेकर तैयारियां जोर पर हैं. वहीं अयोध्या के लिए इंदौर से पैदल दौड़ते हुए अल्ट्रा रनर कार्तिक जोशी रविवार को शाजापुर पहुंचे. कार्तिक इन्दौर से अयोध्या तक 1008 किलोमीटर की यात्रा दौड़ते हुए पूरी करेंगे. वह 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साक्षी बनेंगे.


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गौरतलब है कि इंदौर के अल्ट्रा रनर कार्तिक जोशी किसी पहचान के मोहताज नहीं है. इंदौर के अलावा भारत के अन्य राज्य और विदेशों तक अपनी पहचान और छाप छोड़ने वाले कार्तिक जोशी आज अल्ट्रा रनर के तौर पर जाने जाते हैं और कई हजार किलोमीटर की यात्राएं दौड़कर पूरी कर चुके हैं. पूरे जोश, जज्बे और साहस के साथ कार्तिक जोशी शुक्रवार को इंदौर से अयोध्या के लिए रवाना हुए. इनके साथ पिता और भाई भी दो वाहनों के साथ चल रहे हैं. इन वाहनों में आराम और खाने पीने की व्यवस्थाएं है.


अयोध्या जाने विचार कैसे आया
इस संबंध में कार्तिक जोशी ने बताया कि यह विचार उन्हें 2019 में आया था. जब राम मंदिर को लेकर फैसला सुनाया गया था. इसी दौरान उन्होंने यह फैसला कर लिया था कि वह अपने पैशन को आगे रखते हुए उसी के माध्यम से रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे. कार्तिक जोशी ने कहा कि "कोई विमान से जाता है, कोई ट्रेन से जाता है, कोई बस से जाता है, कोई साइकिल से जाता है और कोई पैदल जाता है. लेकिन मैं मेरे प्रोफेशन को आगे रखते हुए अल्ट्रा रनिंग करते हुए रामलला के दर्शन करने जाऊंगा. कार्तिक जोशी इंदौर से अयोध्या तक 14 दिनों तक दौड़ कर पहुंचेंगे.


कार्तिक जोशी शुरुआत में 12 किलोमीटर की दौड़ लगाएंगे, इसके बाद वे उज्जैन के रास्ते गुना होते हुए झांसी जाएंगे. झांसी के बाद वह कानपुर, लखनऊ होकर अयोध्या पहुंचेंगे. कार्तिक ने बताया कि इस रास्ते की दूरी 985 किलोमीटर है, लेकिन वह इसे थोड़ा और लंबा करते हुए सनातनी अंक 1008 किलोमीटर का करते हुए, 14 दिनों में दौड़कर पूरा करेंगे. भगवान राम ने 14 साल का वनवास भोगा था, इसलिए 14 दिन में दूरी तय करूंगा.


इंटरनेशनल अल्ट्रा रनर कार्तिक की उपलब्धियां
आज वर्तमान परिदृश्य में देश के 15 राज्यों में 120 से अधिक मैराथनो में गोल्ड मैडल, सिल्वर मैडल, ब्रांज मैडल सहित सैकडो मैडल जीत कर कई रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं. 5 वर्षीय अपने दौड़ जीवन में 60000 किलोमीटर से अधिक दौड़ लगा चुके हैं. जिसमे डेली प्रैक्टिस शामिल है.


दक्षिण अफ्रीका में आयोजित 88 किमी की कामरेड रन मैराथन को मात्र 7 घंटे 26 मिनिट में पूर्ण कर देश में पहला स्थान प्राप्त करते हुए सिल्वर मैडल अर्जित किया था. विगत 100 वर्षों के कामरेड रन मैराथन के इतिहास में कार्तिक ऐसा करने वाले देश से पहले धावक है. जिन्होंने 7: 30 घंटे से कम समय में इस मैराथन को पूरा करते हुए सिल्वर मैडल जीत इतिहास रच दिया.


USA अमेरिका में हुई वर्ल्ड चैंपियन शीप में लगातार तीन बार क्वालीफाइ किया. 100 किलोमीटर एशियन चैम्पियन शीप के लिए भारतीय टीम में चयन. 7 बार के इंडिया बेक्यार्ड अल्ट्रा मैराथन के विजेता. इसके अलावा भी बहुत सी उपलब्धियां इनके खाते में है.


रिपोर्ट- मनोज जैन