MP में बोले बाबा रामदेव- भारत के मुस्लिम हमारे पूर्वजों की औलादें हैं, मंच से BJP के लिए मांगे वोट
बाबा राम देव सोमवार को भिंड के लहार में पहुंचे. यहां चल रही स्वामी चिन्मयानन्द बापू भागवत कथा में शामिल होने आए थे. योग गुरु रामदेव (Ramdev Baba) ने लहार में एकत्रित जनता को देखते हुए कहा कि उन्होंने आज तक सनातन धर्म के लिए एक छोटी सी जगह पर इतना बड़ा जन सैलाब नहीं देखा है.
प्रदीप शर्मा/भिंड: बाबा राम देव सोमवार को भिंड के लहार में पहुंचे. यहां चल रही स्वामी चिन्मयानन्द बापू भागवत कथा में शामिल होने आए थे. योग गुरु रामदेव (Ramdev Baba) ने लहार में एकत्रित जनता को देखते हुए कहा कि उन्होंने आज तक सनातन धर्म के लिए एक छोटी सी जगह पर इतना बड़ा जन सैलाब नहीं देखा है. साथ ही उन्होंने सनातन धर्म और समुदाय विशेष को लेकर भी उन्होंने बड़ा बयान दिया है.
धार्मिक आयोजन में बाबा का चुनावी प्रचार
देश प्रदेश की राजनीति में जिस तरह संत समाज का भी लगातार इन्वॉल्वमेंट पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है. उसी की तर्ज़ पर बाबा रामदेव भी लहार में आयोजित हो रही भागवत कथा के आयोजक और भाजपा नेता अंबरीश शर्मा का खुले मंच से चुनावी और राजनैतिक समर्थन करते नज़र आए. उन्होंने जनता से आने वाले चुनावों में अंबरीश शर्मा को जिताकर विधायक बनाने की अपील की. उन्होंने मंच से बार बार राजनीति और सनातन धर्म को भी जोड़ा. बाबा रामदेव ने कहा कि जो सनातन धर्म से जुड़ा है सत्ता भी उसी के पास होनी चाहिए.
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भारत के मुस्लिम हमारे पूर्वजों को औलादें हैं
भागवत कथा के दौरान मंच पर मौजूद रहे बाबा रामदेव ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए लहार और भिंड की जनता से नशा मुक्ति और योग को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने लोगों को नशे से दूर रहने की हिदायत दी. वहीं मंच से बोलते हुए से बाबा रामदेव ने मुस्लिम समुदाय को लेकर भी एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि वे लोग इस बात को मानें या न मानें लेकिन हम उन्हें आज भी अपना समझते हैं. क्योंकि आज से 450 वर्ष पहले तक वे मुसलमान जो भारत में रह रहे हैं. हमारे पूर्वजों की औलादें थी. मुसलमान तो वे औरंगज़ेब के आने के बाद बने. उन्होंने कहा कि हमारे पूजा का तरीक़ा अलग हो सकता है लेकिन पूर्वज अलग नहीं हो सकते.
वे हमारे अपने, हम नफ़रत नहीं करेंगे,
वहीं बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि भारत में रहने वाले ईसाई और मुसलमान हमारे अपने हैं. उसमें हमारे जैसा ही खून है. हमारी जैसी ही खाल है. वे हमारे ही कुल वंश के हैं. वे हमारे अपने हैं. अगर कुछ ग़लत करेंगे तो उन्हें हम समझाएंगे और गलत करेंगे तो शासन प्रशासन अपना काम करेगा. लेकिन हम किसी से नफ़रत नहीं करेंगे.