अविनाश प्रसाद/बस्तरः कहते हैं कि जहां भक्ति है वहीं शक्ति है. भगावन के भक्ति के लिए लोग कठिन से कठिन व्रत साधना के मार्ग अपनाते हैं. वहीं कुछ लोग अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिए भगवान से कठोर तप के साथ ही पूजा करते हैं. ऐसा ही कुछ किया जगदलपुर की नंदिनी ने जिन्होनें मां दंतेश्वरी से वादा किया था कि यदि उसे मातृ सुख प्राप्त हुआ तो वे हर साल नवरात्रि लुढ़केते हुए आकर मां का दर्शन करने आएगी. नंदनी का कहना है कि मां दंतेश्वरी की कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई और वो हर साल  वो आती है.


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मां दंतेश्वरी की भक्त नंदिनी का कहना है कि मां की कृपा से हमें संतान की प्राप्ति हुई है और हम पिछले तीन साल से शारदीय नवरात्रि के पंचमी के दिन पथरगुड़ा से दो किलोमीटर पैदल लुढ़कर मां दंतेश्वरी के दरबार में आती हैं. आज सुबह जब वह लुढ़कर मां के दरबार में पहुंची तो उनकी आस्था को और दृढ़ इच्छाशक्ति को देख लोगों की आंखे भर आई.


नंदिनी सेंद्रे (26) गृहणी है. उनका पति राजू सेंद्रे आरक्षक है. यह दंपत्ति जगदलपुर के वीर सावरकर वार्ड (पथरागुड़ा) में रहते हैं. शादी के बाद नंदनी ने मां दंतेश्वरी के समक्ष यह मनौती रखी थी कि अगर उसे मातृ सुख प्राप्त हुआ तो वह प्रतिवर्ष पंचमी के दिन अपने घर से मंदिर तक लुढ़कते हुए दर्शन करने पहुंचेगी. नंदिनी की मनोकामना तीन वर्ष पहले पूरी हो चुकी है इसलिए वह तीन वर्षों से वायदे के अनुसार लुढ़कते हुए दंतेश्वरी मंदिर आ रही है.


शुक्रवार को सुबह 06 बजे के करीब जब वह पथरागुडा से लुढ़कते हुए पंचपथ चौक, सिरहासार भवन होते हुए दंतेश्वरी मंदिर पहुंची. उसकी यात्रा में किसी प्रकार की बाधा न आए इसलिए परिजन साथ चल रहे थे. जब नंदनी सिरहासार के पास पहुंची तो पुलिस के जवानों ने उसका मार्ग प्रशस्त किया और यातायात भरे मार्ग को व्यवस्थित किया. सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर वह दंतेश्वरी मंदिर के चौखट में पहुंची तो उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति और माता से किए वायदे को पूरा करते देख उपस्थित जन समुदाय की आंखें भर आई और मंदिर परिसर जयकारे से गूंज उठा.


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