संतों की शरण में कांग्रेस, भारत जोड़ो यात्रा में जुटेंगे सैंकड़ों संत
Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस ने हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ भी बनाया है. माना जा रहा है कि पार्टी इस प्रकोष्ठ के सहारे ब्राह्मण वोटों को साधना चाहती है.
प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्य प्रदेश कांग्रेस इन दिनों राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों में लगी है. यात्रा का रूट फाइनल हो गया है और अन्य तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं. ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब एमपी के बुरहानपुर में एंट्री लेगी, तो उस दौरान संतों का भी खूब जमघट लगेगा और बड़ी संख्या में संत इस पदयात्रा में शामिल होंगे.
संतों के साथ करेंगे नर्मदा की पूजा
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 20 नवंबर को एमपी के बुरहानपुर में एंट्री करेगी और बुरहानपुर से खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन से होकर आगर मालवा और सुसनेर होते हुए राजस्थान में प्रवेश करेगी. यात्रा के दौरान जब राहु गांधी सनावद से बड़वाह आएंगे, उस वक्त वह मोरटक्का पुल से साधु संतों के साथ नर्मदा नदी का दर्शन पूजन करेंगे. इस दौरान बड़ी संख्या में साधु संत पदयात्रा में शामिल होंगे. कांग्रेस संतों को जुटाने में लगी हुई है.
सॉफ्ट हिंदुत्व पर जोर
मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर है. राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा के दौरान नर्मदा की पूजा करना, पदयात्रा में संतों का जुटना और फिर राहुल गांधी का उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करने को कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व से जोड़कर ही देखा जा रहा है. साथ ही कांग्रेस ने हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ भी बनाया है. माना जा रहा है कि पार्टी इस प्रकोष्ठ के सहारे ब्राह्मण वोटों को साधना चाहती है. इससे पहले कमलनाथ ने रामनवमी और हनुमान जयंती पर अपने कार्यकर्ताओं को रामलीला, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करने के निर्देश दिए थे. कांग्रेस के इस कदम को भी हिंदुओं के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश के तौर पर देखा गया था. राहुल गांधी इंदौर के महू में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली भी जाएंगे.
भारत जोड़ो यात्रा एमपी में 13 दिन रहेगी और 382 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. 3 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा सुसनेर से राजस्थान में प्रवेश करेगी. मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा 6 जिलों और 18 विधानसभा और 7 लोकसभा सीटों से होकर गुजरेगी.