RGPV Scam: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुए करोड़ों के घोटाले को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में प्रदर्शन किया. इसी क्रम में भिंड में भी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने परेड चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया. जहां उन्होंने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. दरअसल, आरजीवीपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद भी जब उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई तो नाराज एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में प्रदर्शन किया और उनकी गिरफ्तारी की मांग की.


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बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का गंभीर आरोप भी लगाया और जल्द गिरफ्तारी न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी.


ABVP ने किया सीएम हाउस का घेराव
वहीं एबीवीपी के लोगों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के आवास का भी घेराव किया था. मुख्यमंत्री ने इस मामले में जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.


ग्वालियर में भी ABVP का विरोध प्रदर्शन
ग्वालियर में भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुए घोटाले के जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में जीवाजी विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना दिया. बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से यह विरोध प्रदर्शन सभी जिला मुख्यालयों और विश्वविद्यालयों में किया जा रहा है. उनका कहना है कि मुख्य आरोपी अभी भी फरार है. पुलिस जानबूझ कर उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है.


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क्या है मामला?
गौरतलब है कि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) में 19.48 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. इस घोटाले में यूनिवर्सिटी के कुलपति से लेकर रजिस्ट्रार तक सभी के शामिल होने के आरोप लगे हैं. जिसे लेकर कुछ दिन पहले कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार, पूर्व रजिस्ट्रार आरएस  राजपूत, तात्कालीन फायनेंस कन्ट्रोलर ऋषिकेश वर्मा, बैंक मैनेजर मयंक सहित 5 पर FIR दर् की गई थी.


बता दें कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक, राजीव गांधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय के अकाउंट से 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में अनधिकृत तरीके से ट्रांसफर किए गए हैं. ये पूरा मामला तब सामने आया जब लगातार एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया. जिसके बाद सरकार को इस मामले में कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा है.