ज़ी मीडिया की खबर का असर! भिंड में अवैध रेत का खनन करने वाले 62 ट्रक जब्त
भिंड के लहार क्षेत्र की पर्रायच रेत खदान पर सिंध नदी में रेत माफियाओं द्वारा अवैध खनन करते सैकड़ों ट्रक अचानक नदी में आए तेज बहाव के चलते कीचड़ में फंस गए, जिसकी खबर ज़ी मीडिया ने प्रमुखता से दिखाया, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 62 ट्रक को जप्त कर लिया है.
प्रदीप शर्मा/भिंडः जिले में अवैध खनन की तस्वीरे आती रहती है और प्रशासन छुपुट कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपा रहा है. वहीं भिंड नदी में अवैध खनन करने पहुंच सैकड़ों परिवहन नदी के तेज बहाव में फंस गए, जिसका खबर ज़ी मीडिया ने प्रमुखता से दिखाया, जिसके बाद से प्रशासन हरकत में आया और अपनी नाक बचाने के लिए अवैध रेत लेने पहुंचे 62 ट्रक को जप्त किया.
बता दें कि मामले में जहां कांग्रेस के पूर्व विधायक ने सीएम शिवराज द्वारा अवैध खनन पर जिम्मेदारी जिले के कलेक्टर और एसपी की मानते हुए कार्रवाई की बात याद दिला रहे हैं तो वहीं बीजेपी भी मामले में जांच की बात कह रही है.
दरअसल भिंड जिले में रेत के अवैध खनन की तस्वीरें बहुत समय से सामने आती रही हैं, बावजूद इसके छुटपुट कार्रवाइयां कर जिला प्रशासन अपनी पीठ थपथपाता रहा है और अवैध खनन की बात को सिरे से नकारता रहा है. लेकिन हाल ही में जब नदियों में खनन पर 30 जून से एनजीटी ने रोक लगा दी. उसके बावजूद भिंड के लहार क्षेत्र की पर्रायच रेत खदान पर सिंध नदी में रेत माफियाओं द्वारा अवैध खनन करते सैकड़ों ट्रक अचानक नदी में आए, तेज बहाव के चलते फंस गए तो तस्वीरें सामने आने के बाद प्रशासन के झूठ की पोल खुल गयी है. अब मामले पर प्रशासनिक अधिकारियों को जबाब देते नहीं बन रहा है.
भिंड के लहार क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है और किसी जिम्मेदार को इसका पता नहीं चला या कहा जाए जानकर अनदेखा किया गया. इस बात पर जब भिंड के प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर सतीश कुमार एस से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बात शुक्रवार को चर्चा करने की कह टालते हुए चुप्पी साध ली. वहीं भिंड पुलिस अधीक्षक भी मामले में सीधा बोलने से कतराते हुए अधीनस्थ अधिकारियों पर टाल गए.
सिंध नदी में फंसे सैकड़ों ट्रकों का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद जब लहार एसडीएम से सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि, उन्हें पिछली रात सूचना मिली थी की पर्रायच पर सिंध नदी में कुछ ट्रक अवैध रूप से रेत का उत्खनन करने के लिए खड़े देखे गए हैं, जिस पर माइनिंग की टीम मौक़े पर पहुंची और 14 ट्रक जब्त कर उनकी सुपुर्दगी भी सौंप दी गयी. लेकिन तेज बारिश की वजह से रात के अंधेरे में आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी. गुरुवार सुबह दोबारा टीम मौके पर पहुंची और 62 ट्रक पकड़े गए. हालांकि एसडीएम के मुताबिक सभी ट्रक खाली थे और वहां रेत नहीं था.
इधर लहार एसडीओपी ने तो मामले पर अच्छे से लीपापोती की उनका कहना था की उनके पास बुधवार की आधी रात सूचना आयी थी की कुछ ट्रक पानी के तेज बहाव में कीचड़ में फंस गए थे, जिस पर एक टीम मौके पर भेजी थी. जहां कुछ ट्रक फंसे हुए मिले. सुबह एसडीएम और माइनिंग टीम भी मौके पर गयी इसके बाद कुछ ट्रक पकड़े हैं, जिन पर लहार एसडीएम और खनिज विभाग कार्रवाई कर रहा है.
अधिकारियों के बयान और रवैए से इतना तो साफ हो रहा है कि दाल में काला ज़रूर है, जिससे छिपाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. खास कर तब जब खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खुद अधिकारियों को कुछ महीनों पहले हिदायत देते हुए आदेश किया था कि किसी भी जिले में यदि अवैध उत्खनन होते पाया गया तो उसकी जिम्मेदारी उस जिले के कलेक्टर एसपी की ही मानी जाएगी और उनपर सख्त कार्रवाई भी होगी.
सीएम के आदेश और भिंड में सामने आयी अवैध उत्खनन की तस्वीरों के बाद भी जब इस संबंध में और सत्तापक्ष से सवाल किया गया तो भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्य समिति सदस्य और सिंधिया के करीबी रमेश दुबे का कहना था कि उन्हें भी सोशल मीडिया और पत्रकारिता जगत की तरफ से इस घटना के संबंध में जानकारी मिली थी उन्होंने इस बात पर सहमति जतायी कि भिंड जिले में जिस तरह रेत के अवैध उत्खनन की तस्वीर सामने आयी है यह घोर आपत्तिजनक है.
उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि किसी भी जिले में अवैध उत्खनन नहीं होना चाहिए. जिसके लिए विशेष अभियान भी चलाया गया बावजूद इसके बिना मैं इस तरह की तस्वीरें सामने आना जांच का विषय है और इस संबंध में जिले के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी वे इस संबंध में चर्चा करेंगे और मामले में जांच कराएंगे, क्योंकि लहार क्षेत्र में आखिर इतने बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन किस के संरक्षण में किया जा रहा था, और किन अधिकारियों या किन लोगों की इसमें संलिप्तता है, उन सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए, हालांकि अगले ही पल उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है चुनाव के समय जब प्रशासनिक अमला चुनाव प्रक्रिया में था उस दौरान माफ़िया इस बात का फ़ायदा उठाकर अवैध खनन कर रहे हो,चोर हमेशा चोरी के लिए ताक में रहता है और समय मिलते ही घटना को अंजाम दे देता है, अपने इस बयान से कहीं न कहीं बीजेपी ने जिला प्रशासन को सीधे सीधे क्लीन चिट भी दे दी है.
भिंड में अवैध उत्खनन की सीधी तस्वीरें सामने आने के बाद सीएम शिवराज के उस बयान और आदेश की याद कांग्रेस भी दिला रही है. भिंड के अटेर से कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने भी इस मामले को उठाते हुए सीएम शिवराज और भाजपा सरकार पर तंज कसा है और भिंड जिले में प्रशासन पुलिस को लेकर कमीशनखोरी लिए अवैध खनन कराने का आरोप लगाया है, साथ ही सवाल किया है कि यदि इस अवैध खनन के खेल में मुख्यमंत्री या बीजेपी की संलिप्तता नहीं है तो भिंड की जनता जानना चाहती है कि अपने आदेश के अनुसार सीएम शिवराज भिंड कलेक्टर एसपी पर क्या और कब कार्रवाई करेंगे.
वहीं प्रशासन को बीजेपी द्वारा दी गयी क्लीनचिट पर पूर्व विधायक का कहना है कि इस तरह मामला सामने आने के बाद भाजपा तो क्लीनचिट देगी ही, नहीं तो उनकी दुकान बंद हो रही है, पैसा तो बीजेपी ही कमा रही है, अधिकारियों को तो सिर्फ 10-20 प्रतिशत ही कमीशन मिलता है. अब एक दो चोर घुस सकते हैं, लेकिन इतनी बड़ी तादात में ट्रक वहां क्या कर रहे हैं, अब मीडिया की वजह भिंड में अवैध उत्खनन को लेकर प्रशासन और पुलिस की पोल खुल चुकी है, इस वजह से खुद को बचाने के लिए इस तरह के तर्क दिए जा रहे हैं.
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