प्रिया पांडेय/भोपाल: एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्रवाई को लेकर जनता के बीच तक मुद्दे पहुंचाने के लिए सख्त लहजे में निर्देश जारी किए थे. सीएम ने कहा था कि यदि कुछ कर रहे हो तो उसको बताओ, यदि गलत है, तो उस पर कार्रवाई करो. नतीजा यह हुआ कि राजधानी पुलिस सबसे पहले मैदान में कूद गई और तीन महीनों में साइबर फ्रॉड की कार्रवाई का विस्तार बता दिया.


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साइबर क्राइम भोपाल ने फर्जी लोन एप वालों के खिलाफ कार्रवाई का मजमून पेश करते हुए बताया कि यह एप-धारक पहले जरूरतमंद को तत्काल लोन देता फिर उससे डबल वसूली करता है. जब पीड़ित दोगुने पैसे नहीं देते तो उसे ब्लैकमेल कर बदनाम करने की धमकी देते हैं. ऐसे 16 फर्जी एप धारकों को सात अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के तार देश से नहीं विदेश से भी जुड़े हुए हैं. इनमें चाइना, सिंगापुर, फिलीपींस से जुड़े बताए जा रहे हैं. इन आरोपियों ने लगभग 200 करोड़ रुपए का क्रिप्टोकरंसी और बैंक ट्रांजैक्शन भी किया है.


आरोपी लोन देते वक्त पीड़ित की मजबूरी का फायदा उठाते हुए आवेदक के मोबाइल की फोटो और कांटेक्ट लिस्ट का एक्सेस ले लेते थे और जब पैसे पीड़ित नहीं देते थे, तब अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप से निकाले गए नंबर को फरियादी और उसके रिश्तेदार को फोन मैसेज करते थे और लोन रिकवरी की धमकी देते थे. साथ-साथ पीड़ित को मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जाता था. पुलिस ने जो 16 गिरफ्तारी की है. उनमें राजस्थान से पांच, गुजरात एक, कर्नाटक एक, हरियाणा चार, उत्तर प्रदेश एक, महाराष्ट्र एक और मध्य प्रदेश से तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. इस मामले में एक विदेशी नागरिक और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.


साइबर क्राइम पुलिस ने 3 महीने में 100 से अधिक फर्जी लोन एप पर कार्रवाई की है. क्राइम ब्रांच ने  तीन महीने में 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जांच में  क्रिप्टोकरंसी का एनालिसिस कर ब्लॉक चेन के माध्यम से 56 संदिग्ध वॉलेट एड्रेस चिन्हित किए गए. इस दौरान करीब 200 करोड़ रुपए की क्रिप्टो करेंसी और ट्रांजेक्शन मिले. भोपाल क्राइम ब्रांच ने ठगी करने वाले 10 से ज्यादा फर्जी ऐप को बंद करने के लिए गूगल को पत्र लिखा है. पुलिस एप डेवलपर के आरोपी चीन के विदेशी नागरिक की तलाश कर रही है.


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