भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह के नाम वाली जगहों को बदलने की मांग, देश की आजादी से जुड़ा मामला! जानिए
MP Politics: मध्यप्रदेश की राजनीति में किसी भी जगह का नाम बदलने की मांग कब उठ जाए, कोई नहीं जानता. इसी कड़ी में नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने हमीदिया नाम से जुड़ी जगहों को बदलने की मांग की है. जानिए
आकाश द्विवेदी/भोपाल: मध्यप्रदेश की राजनीति में दो नए ट्रेंड बहुत ही धुआंधार तरीके से चले है. जिसमें एक तो बुलडोजर की त्वरित कार्रवाई और दूसरा नाम बदलने की राजनीति, जिसका चलन लगातार जारी है. जिसमें बीजेपी के नेता बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं. इसी कड़ी में भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी भी नाम बदलने की राजनीति में शामिल हो गए हैं.
नगर निगम अध्यक्ष सूर्यवंशी ने भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह के नाम वाले हॉस्पिटल, कॉलेज और सड़कों का नाम बदलने की मांग की है. इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान को उन्होंने पत्र भी लिखा है. दरअसल किशन सूर्यवंशी ने सीएम शिवराज को अपने पत्र में लिखा है कि हमीदिया अस्पताल, हमीदिया कॉलेज, हमीदिया स्कूल और हमीदिया रोड का नाम बदला जाए.
क्या लिखा निगम अध्यक्ष ने अपने पत्र में?
किशन सूर्यवंशी ने पत्र में लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री जी, नवाब हमीदुल्लाह खान ने भोपाल रियासत का भारत में विलय करने का विरोध किया था और भोपाल की रियासत को पाकिस्तान में शामिल करने की कोशिश की थी. इस बात के सबूत भी है कि नवाब हमीदुल्लाह खान ने पाकिस्तान जाकर पाकिस्तान में वजीर बनने की कोशिश की थी. जिसे उस समय अखबार ने प्रमुखता से छापा था. नवाब हमीदुल्लाह के कारण भोपाल को लगभग 2 साल लेट आजादी मिली.
जहां पूरा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ पर नवाब की गलत नीतियों के कारण ही भोपाल लगभग 2 साल तक गुलाम बना रहा और भारत में उसका विलय नहीं हो पाया. उस समय कई देशभक्तों द्वारा विलीनीकरण का आंदोलन चलाना पड़ा. इस सब ऐतिहासिक तथ्यों से स्पष्ट होता है कि वो भारत से प्यार नहीं करता था. उसकी मानसिकता भारत विरोधी थी. इसलिए नवाब हमीदुल्लाह खान के नाम से भोपाल जिले में हमीदिया स्कूल-कॉलेज, हमीदिया अस्पताल, हमीदिया रोड का कोई स्थान होना उचित नहीं है. इसलिए इन नामों को बदलकर देशभक्त के नामों पर किया जाए.
पहले भी बदले गए कई नाम
गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब किसी नेता ने इस तरह से जगह और स्थान के नाम को बदलने की मांग की है. इससे पहले भी कई बीजेपी के नेता इस तरह की मांग कर चुके हैं. इसी कड़ी में आधे से ज्यादा नामों को बदला जा चुका है. जिसमें हबीबगंज, इस्लामनगर, नसरुल्लागंज, निशातपुरा रेलवे स्टेशन शामिल हैं. अब देखना होगा कि क्या हमीदिया का नाम बदला जाता है, और अगर बदला जाता है तो क्या शिवराज सरकार को इसका फायदा चुनाव में मिलेगा.