प्रिया पांडेय/भोपालः मध्य प्रदेश के खाद्य विभाग की लापरवाही का गजब मामला सामने आया है. दरअसल दिवाली (Diwali) पर लिए सैंपलों की अब तक रिपोर्ट नहीं आई है, वहीं दुकानों में करोड़ों रुपए की मिठाई बिक गई! खाद्य विभाग ने त्यौहार के समय प्रदेश में कई टन नकली मावा (Adulterated Mawa) पकड़ा था लेकिन अभी तक इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई. बता दें कि खाद्य पदार्थों की जांच के लिए पूरे प्रदेश में दो ही लैब हैं. त्यौहार के समय लैब स्टाफ के छुट्टी पर रहने के चलते सैंपल्स की जांच नहीं हो सकी. 


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खाद्य पदार्थों में मिलावट का खतरनाक खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है. मिलावट पर नजर रखने की जिम्मेदारी खाद्य विभाग की है लेकिन खाद्य विभाग सिर्फ जांच की खानापूर्ति करता नजर आ रहा है. बता दें कि त्यौहारी सीजन को देखते हुए खाद्य विभाग ने कई सैंपल लिए लेकिन त्यौहार बीत जाने के बाद भी अभी तक उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है. विभाग का कहना है कि प्रदेश में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए केवल दो लैब हैं और दिवाली की छुट्टी होने के चलते सैंपल्स की जांच नहीं हो सकी. 


उल्लेखनीय है कि खाद्य विभाग (Food Department) ने ग्वालियर से भेजा गया 16 टन नकली मावा भोपाल (Bhopal) से जब्त किया था. यह आंकड़ा और बढ़ सकता था लेकिन खाद्य विभाग ने खास सक्रियता नहीं दिखाई. कोरोना के बाद यह पहला मौका था जब बिना किसी पाबंदी के त्यौहार मनाया जा रहा था. इस वजह से मिठाई की डिमांड भी ज्यादा थी लेकिन खाद्य विभाग की लापरवाही के चलते मिलावटखोरों पर शिकंजा नहीं कसा जा सका! जहां खाद्य विभाग हीलाहवाली करता रहा और उधर त्यौहारों पर करोड़ों रुपए की मिठाई बिक गई. विभाग की लापरवाही के चलते लोगों की सेहत से कितना बड़ा खिलवाड़ हुआ है, इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है.