प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्य प्रदेश निकाय चुनाव में लोकतंत्र के अजब रंग देखने को मिल रहे हैं. मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. राजधानी भोपाल में तो नाराज मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशी वादा पूरा करने का लिखित एफिडेविट भी दे रहे हैं. प्रत्याशियों द्वारा जीत से पहले ही वादा पूरा करने का लिखित हलफनामा देना अपनी तरह का अनोखा मामला है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशी वादे तो बड़े-बड़े करते हैं लेकिन चुनाव में जीत मिलते ही वह सब भूल जाते हैं और कई बार लोगों से किए वादों को भी पूरा नहीं करते. राजधानी भोपाल के वार्ड 64 के लोग भी नेताओं के इन्हीं वादों से आजिज आ चुके हैं और यही वजह है कि उन्होंने इस बार नगरीय निकाय चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया. इस वार्ड के लोग पानी, सड़क और अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहे हैं. पिछले निकाय चुनाव में भी नेताओं ने उनकी समस्याएं दूर करने का वादा किया था लेकिन लोगों की समस्याएं अभी भी जस की तस बनी हुई हैं. 


ऐसे में जब लोगों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया तो प्रत्याशी जीत के बाद वादे पूरे करने का लिखित हलफनामा दे रहे हैं. प्रत्याशी 50 रुपए के शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर वादा कर रहे हैं कि जीत के बाद वह उनकी समस्या का निराकरण करेंगे. बहरहाल जीत के बाद लोगों की समस्या दूर होगी कि नहीं लेकिन प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान लिखित हलफनामा देना चर्चा का विषय बना हुआ है. 


भोपाल के वार्ड 64 से पार्षद पद के लिए त्रिकोणीय मुकाबला है. जहां भाजपा से छाया ठाकुर, कांग्रेस से नीलू चौकसे और आप से निधि वर्मा चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही हैं.