भोपालः राजधानी भोपाल के हलाली डैम में तीन बच्चे डूब गए, जिनमें से दो बच्चों की पानी में डूबने से मौत हो गई जबकि एक बच्चे को बचा लिया गया. लेकिन इस घटना में राजधानी भोपाल में भी अंधविश्वास का मामला देखने को मिला है. दोनों बच्चों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. लेकिन मासूमों को जिंदा करने के लिए नमक के ढेर में लिटा दिया गया. 


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यह पूरा मामला 
दरअसल, ईंटखेड़ी के रहने वाले तीन बच्चे पर्व, युवराज और सरस हलाली डैम पर गणेश विसर्जन देखने गए थे. तीनों बच्चे डैम के पास बैठे थे, जहां अचानक से वह डैम गिर गए. गहरे में पानी में जाने से तीनों डूब गए. कुछ लोगों ने इस बात की जानकारी पर्व के चचेरे भाई को दी. जिसके बाद वह अपने दो साथियों के साथ मौके पर पहुंचा और युवराज को डैम से बाहर निकाल लिया. लेकिन तभी उसे किसी ने बताया कि दो बच्चे और डूबे हैं जिसके बाद दोनों ने फिर से डैम में छलांग लगाई. जहां कुछ देर खोजने के बाद सरस और पर्व और सरस को निकाला गया. 


नमक में रखने से जिंदा होने का अंधविश्वास
दोनों के परिजन उन्हें लेकर तुरंत हमीदिया अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. लेकिन यहां अंधविश्वास के चलते मृतक बच्चों के परिजनों उन्हें नमक के ढेर में दबा कर रख दिया. क्योंकि उन्हें भरोसा था कि ऐसा करने से शायद उनके बच्चे जिंदा हो जाएंगे. 


दो घंटे तक नमक में दबे रहे बच्चों के शव 
अस्पताल में करीब दो घंटे तक अंधविश्वास का खेल चलता रहा. दोनों बच्चों के शव करीब दो घंटे तक नमक के ढेर में दबे रहे. जैसे ही पुलिस अस्पताल में पहुंची तो उन्होंने परिजनों को समझाया, तब कही जाकर परिजनों ने बच्चों के शव को नमक में से बाहर निकाला और उनका अंतिम संस्कार किया. 


घटना के बाद ईंटखेड़ी पुलिस ने बताया कि दोनों बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है, जबकि युवराज नाम के बच्चे से पूछताछ में पता चला कि तीनों बच्चे डैम के पास एक दूसरे का हाथ पकड़कर बैठे थे. लेकिन अचानक से पैर फिसलने से तीनों डैम में डूब गए. जिसके बाद युवराज को बचा लिया गया, लेकिन पर्व और सरस की पानी में डूबने से मौत हो गई. 


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