Madhya Pradesh Hindi Samachar: मध्य प्रदेश में अवैध निर्माण (illegal construction) करने वालों को मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. बता दें कि अतिक्रमण अवैध निर्माण पर बड़ी कार्रवाई होने वाली है. इसके तहत नए और पुराने भवनों की बिल्डिंग परमिशन की जांच (building permit check) होगी. इसके लिए राज्य के सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. यह कार्रवाई 1 अप्रैल से शुरू होगी.


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दरअसल अवैध निर्माण शहरों के विकास में बाधक बन रहा है. अवैध निर्माण के चलते बारिश में जल भराव की स्थित हो जाती है. लगातार आ रही अवैध कंट्रक्शन की शिकायतों को देखते हुए नगरीय प्रशासन विभाग सख्त है. इसके तहत 5000 वर्गफीट से अधिक एरिया में बने भवनों की बिल्डिंग परमिशन की जांच की जाएगी. यदि बिल्डिंग परमिशन के अलावा अवैध निर्माण किया है तो उस पर कार्रवाई होगी. 


आपको बता दें कि प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया है कि विशेष अभियान चलाकर अवैध निर्माण गतिविधियों की जांच की जाए. साथ ही उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए. बताते चले कि शहरी क्षेत्रों के फैलाव और नये क्षेत्रों को जोड़े जाने से भवन निर्माण गतिविधियों की संख्या में वृद्धि हुई है. शहरी आबादी बढ़ने के कारण नए आवासों की संख्या में वृद्धि हो रही है. वहीं भवन निर्माण कार्यों में कई कार्य बिना अनुमति या अनुमति के विरुद्ध अतिरिक्त निर्माण भी किये जा रहे हैं, जिससे शहरी क्षेत्रों में अवैध निर्माण की संख्या में वृद्धि हो रही है. जो कहीं न कहीं शहरों के विकास में बाधा उत्पन्न कर रही है. 


शहरी क्षेत्र में 5000 वर्गफीट से अधिक सभी निर्माणाधीन/निर्मित भवनों की जांच की जाएगी, कि निर्माण कार्य नगरीय निकायों द्वारा प्रदत्त भवन अनुज्ञा के आधार पर हुआ है. यदि निर्माण कार्य बिना अनुमति के किया गया है. उन पर मध्य प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1956 मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा जो भी शहरों में अवैध संपत्ति पाई जाएगी, उसके खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाएगी. 


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