दीपावली से पहले अफीम किसानों को बड़ा तोहफा, नारकोटिक्स विभाग ने जारी किया लाइसेंस
Opium Policy: केंद्र की मोदी सरकार ने नई अफीम नीति 2022-23 जारी की है. नीमच में नारकोटिक्स विभाग द्वारा मार्फिन के आधार पर इस वर्ष सभी किसानों को एक समान 10-10 आरी के पट्टे दिए जा रहे हैं.
प्रीतेश शारदा/नीमच: 29 सितम्बर को केंद्र सरकार द्वारा अफीम नीति घोषित की गई थी. जिसके बाद 13 अक्टूबर से किसानों को अफीम के लाइसेंस वितरण किए जाने का कार्य शुरू हो गया है. इससे न सिर्फ किसानों को फायदा होगा, बल्कि अफीम किसानों के बढ़ोतरी को लेकर भी संभावनाएं जताई जा रही है. इससे किसनों में काफी खुशी है.
दरअसल नीमच जिले में तीनो विकासखंड नीमच, जावद, मनासा जहां अफीम किसानों को केंद्रीय नारकोटिक्स कार्यालय से अफीम के लाइसेंस दिए जाना है. 2022-23 अफीम नीति के अनुसार इस बार दो पद्दति से लाइसेंस जारी किए हैं. जिसमें सीपीएस और चीरा लगने वाले लायसेंस वितरण किये जा रहे है. और वहीं आज तक तृतीय खण्ड में लगभग 700 किसानों को अफीम के लायसेंस दिए जा चुके है और वहीं अभी तक आगे प्रक्रिया जारी है.
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किसानों ने जताई खुशी
वहीं अफीम के लाइसेंस प्राप्त करने के बाद किसान खुश दिखाई दे रहे हैं. किसानों का कहना है नारकोटिक्स विभाग द्वारा मार्फिन के आधार पर इस वर्ष सभी किसानों को एक समान 10-10 आरी के पट्टे दिए जा रहे हैं. और वहीं जिन किसानों को मार्फिन मात्रा 4.2 से कम है. उन किसानों को सीपीएस पद्धति में लायसेंस दिए गए है. जिसमें किसान चिरा नहीं लगा सकते है.
बेटे से भी बढ़कर खेती
किसानों का यह भी कहना है कि अफीम का पट्टा उनके लिए बेटे से भी बढ़कर है. अफीम किसानों को समाज में मान सम्मान के साथ देखा जाता है और बेटे-बेटियों की जल्दी शादी हो जाती है.
जानें क्या है नई नीति 2022-23
- सभी पात्र किसानों को 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे
- किसान 2 से अधिक भूखंडों पर अफीम की बुवाई नहीं कर सकते हैं
- काश्तकार यदि चाहे तो लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पट्टे पर दूसरों की भूमि ले सकता है.
- आगामी वर्ष 2022-23 में प्रति हेक्टेयर 5.9 किलोग्राम मार्फिन देनी होगी.
- 2019-20, 2020-21 व 2021-22 के दौरान फसल की जुताई करने वाले किसानों को वर्ष 2023-24 के लिए पात्र नहीं माना जाएगा
- लुइनी-चिरनी में 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से ऊपर मार्फिन देने वाले किसानों को भी 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे
- 1999 से 2021 तक 6 प्रतिशत से अधिक मार्फिन देने वाले किसानों को भी पट्टे दिए जाएंगे
- सीपीएस पद्धति में 3 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से ऊपर और 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से नीचे मार्फिन देने वालों को भी 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे.