भोपाल: मध्य प्रदेश में निकाय और पंतायचत चुनावों के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने अब नगर पालिका और परिषदों के अध्यक्ष बनने की न्यूनतम आयु सीमा को कम कर दिया है. नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जारी संसोधनों के बाद प्रदेश में 21 साल या इससे ज्यादा कोई भी युवा पार्षद, अध्यक्ष बन सकता है. इस संबंध में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा सरकार ने युवाओं को मौका देने के लिए ये फैसला किया है.


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संसोधनों का बाद युवाओं को मिलेगा मौका
बता दें अभी प्रदेश में नगर पालिका अध्यक्ष बनने की आयु सीमा 25 साल है, लेकिन सरकार द्वारा किए गए संसोधनों के बाद अब ज्यादा से ज्यादा युवाओं को मौका मिला. प्रदेश में नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से किया जाना है, जबकी नगर निगम में महापौर को जनता सीधे चुन चुकी है. इसके परिणाम 17 जुलाई और 20 जुलाई को आ चुके हैं.


संसोधन युवाओं के पक्ष में
मध्य प्रदेश निकाय चुनावों में इस बार कई जगह निर्विरोध पार्षद चुने गए हैं. खास बात ये की इस बार युवा पार्षदों की संभी पहले के मुकाबले ज्यादा है, लेकिन इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि जब अध्यक्ष बनने की बात आएगी तो ये युवा अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे. क्योंकि इनकी उम्र क्योंकि वे 25 वर्ष से कम है. ऐसे में सरकार की ओर से किया गया ये संसोधन उनके पक्ष में है. अब 25 साल के कम के युवा पार्षद भी अध्यक्ष बन पाएंगे.


दो चरणों में हुए थे चुनाव
बता दें मध्य प्रदेश निकाय चुनावों के लिए दो चरण में मतदान हुए थे. इसमें पहले चरण में  36 नगर पालिका और 86 नगर परिषदों के लिए चुनाव हुए थे. इसके परिणाम 17 जुलाई को घोषित किए गए थे. वहीं दूसरे चरण में 40 नगरपालिका और 169 नगर परिषदों के लिए वोटिंग हुई थी. इसके परिणाम 20 जुलाई को घोषित किए गए थे.


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