श्योपुर: मध्यप्रदेश के श्योपुर में बाढ़ पीड़ितों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि में एक दो नहीं बल्कि 32 पटवारियों ने घोटाला किये जाने का मामला सामने आया है. यहां बाढ़ रहात के नाम पर 32 पटवारियों के द्वारा करीब 2 करोड़ 40 लाख का गबन ऑडिट रिपोर्ट में श्योपुर कलेक्टर संजय कुमार की पकड़ में आया है.


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बता दें कि बाढ़ राहत राशि के मुआवजे के घोटाले में श्योपुर बड़ौदा और कराहल तहसील के हल्के में तैनात करीब 32 पटवारियों कारनामा ऑडिट रिपोर्ट में उजागर होने के बाद इस घोटाले में कई जिम्मेदार अफसर भी कलेक्टर संजय कुमार के रडार पर है.


2021 में आई थी बाढ़
गौरतलब है कि श्योपुर में साल 2021 के अगस्त महीने में हुई बारिश भले ही सैलाब बनकर लोगों के लिए आफत और मुसीबत भरी साबित हुई हो पर ये बाढ़ कुछ सरकारी मुलाजिमों के लिए चांदी काटने जैसी ही नजर आई है. ये हम नहीं कह रहे है ये खुद सरकार के अफसर कह रहे है.


दरअसल श्योपुर में दो साल पहले अगस्त महीने में आई बाढ़ के बाद सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन को करीब 19 करोड़ की मुआवजे की राशि भेजी गई लेकिन श्योपुर बडौदा कराहल के 32 पटवारियों ने करीब 2 करोड़ 40 लाख बाली सरकार की बाढ़ राहत राशि में भ्रष्टाचार की सेंध मारी की नियत से बाढ़ पीड़ितों के हक पर डाका डालते हुए पीड़ितों की मुआवजे की राशि अपने परिचित या सगे संबंधियों के खाते में डाल दी और बाढ़ पीड़ित सरकारी मुआवजे का इंतजार ही करते रहे.


पटवारियों द्वारा दो साल पहले किए गए इस घोटाले का खुलासा ऑडिट रिपोर्ट में होने के बाद सख्त हुए कलेक्टर संजय कुमार ने घोटाले की जांच शुरू कर दी. कलेक्टर के कड़े तेवर के बाद मुआवजा राशि में घोटाला करने वाले दोषी पटवारियों से 18 प्रतिशत ब्याज के साथ सरकारी राशि वसूली जारी हो गई है. दो पटवारियों ने करीब 15 लाख रूपये की राशि भी सरकारी खजाने में लौटा दी है. वहीं कलेक्टर संजय कुमार ने पटवारियों के इस कारनामे में परदे के पीछे शामिल संदिग्ध भूमिका निभाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर भी जांच के आदेश देते हुए दोषी पाए जाने पर FIR करने की बात कही है.


रिपोर्ट- अजय राठौर