Bina Vidhan Sabha Seat: बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने से चूक गई थी कांग्रेस, क्या इस बार पलटेगी बाजी?
Bina Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश की बीना विधानसभा सीट ( Bina Seat Analysis) पर वर्तमान में बीजेपी का कब्जा है. इस बार यहां का क्या समीकरण होगा और इस सीट का क्या इतिहास है यहां जानें.
Bina Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है. ऐसे में राजनीतिक दल एक-एक विधानसभा सीट पर तैयारियों में जुटे हैं. इसी कड़ी में बुंदेलखंड का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले बीना को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. बीना के एक तरफ मालवा तो दूसरी तरफ बुंदेलखंड है. ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर बीजेपी का काफी समय से कब्जा है. यहां से बीजेपी के महेश राय विधायक हैं. आईये जानते हैं इस सीट का पूरा समीकरण...
बीना सीट का जातीय समीकरण
बीना विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण का खासा असर देखने को मिलता है. यहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है. इसके अलावा अहरिवार, खटीक, चढ़ार, पंथी, वाल्मीकि, धानक और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता चुनाव में निर्णायक होते हैं. इसके अलावा यहां यादव, ठाकुर, कुशवाहा, विश्वकर्मा, कल्हार, चौरसिया, लोधी और कुर्मी मतदाता भी चुनाव को प्रभावित करते हैं.
बीना सीट पर मतदाताओं की संख्या
कुल मतदाता - 1,86,562
पुरुष मतदाता - 96998
महिला मतदाता- 87564
बीना सीट राजनीतिक इतिहास
सागर जिले की बीना विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. बीना सीट के राजनीतिक इतिहास की बात की जाए तो यहां 2008 के बाद से बीजेपी ही जीतती आ रही है लेकिन 2018 के चुनाव में कांग्रेस से यहां कड़ी टक्कर देखने को मिली थी. यहां बीजेपी प्रत्याशी महेश राय महज 700 से कम वोटों से जीते थे. हालांकि 1977 से यहां कांग्रेस को महज 2 बार ही जीत मिली है. अब देखना होगा कि क्या कांग्रेस यहां कुछ जादू कर पाती है या नहीं?
साल 2018 के चुनाव नतीजे
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीना में बीजेपी को काफी चुनौती का सामना करना पड़ा. बीना से दोबारा प्रत्याशी बनाए गए महेश राय को 57,828 मत हासिल हुए जबकि कांग्रेस के शशि कुमार को 57 हजार 196 मत हासिल हुए. इस तरह करीब 532 वोटों से बीजेपी ने यहां चुनाव जीता.
कौन-कौन कब जीता
2018 में बीजेपी के महेश राय
2013 में बीजेपी के महेश राय
2008 में बीजेपी के विनोद पंथी
2003 में सुशीला राकेश सिरोथिया
1998 में बीजेपी के सुधाकर बापट
1993 में कांग्रेस के प्रभु सिंह ठाकुर
1990 में बीजेपी के सुधाकर बापट
1985 में बीजेपी के सुधाकर बापट
1980 में कांग्रेस के अरविंद भाई
1977 में जेएनपी के भागीरथ बलगैया