प्रमोद शर्मा/जबलपुरः करोड़ों रुपए की हेराफेरी में फंसे बिशप पीसी सिंह का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है. दरअसल आरोप है कि पीसी सिंह ने ट्रस्ट की जमीन का सौदा कर दिया. हैरानी की बात ये है कि जमीन का सौदा करने से पहले किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति नहीं ली गई. अब मामले का खुलासा होने के बाद जमीन खरीदकर उस पर मकान बनाने वाले 42 लोग मुश्किल में फंस गए हैं. प्रशासन के पास इन 42 लोगों के नाम की सूची है. लोगों को अब अपने आशियाने को लेकर डर लग रहा है. 


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क्या है मामला
बिशप पीसी सिंह ने जबलपुर मिशन कंपाउंड क्षेत्र की जमीन गलत तरीके से बेच दी. अब मामले के खुलासे के बाद मिशन कंपाउंड के पास स्थित एक लाख 70 हजार वर्गफीट जमीन को शासन मद में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. क्षेत्र की नापजोख भी जल्द शुरू होगी और तमाम खसरों की जांच राजस्व विभाग करेगा. इसके बाद यह जमीन सरकारी हो जाएगी. 


जांच में पता चला है कि यह जमीन आवासीय थी लेकिन 26 हजार 700 वर्गफीट जमीन को नियमों के खिलाफ जाकर व्यावसायिक उपयोग में इस्तेमाल किया जा रहा था. साथ ही बिशप पीसी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने करीब 6 हजार वर्गफीट जमीन पर कब्जा कर उस पर निर्माण शुरू कर दिया था. इस फर्जीवाड़े में ये भी सवाल उठ रहे हैं कि ट्रस्ट की जमीन की रजिस्ट्री कैसे हो गई और और इसका नामांतरण कैसे हो गया? इस फर्जीवाड़े में मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है. 


हाल ही में जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि बिशप पीसी सिंह की पत्नी कई संस्थाओं में डायरेक्टर और मैनेजर है और हर माह उन्हें संस्थाओं की तरफ से तनख्वाह भी दी जाती है. बिशप पीसी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल, सोसायटी के पैसों और संपत्ति को खुर्दबुर्द कर अपने नाम की. फिलहाल पीसी सिंह जेल में बंद है. बिशप पीसी सिंह के करीबी सुरेश जैकब से भी ईओडब्लू पूछताछ कर रही है.