प्रमोद शर्मा/भोपाल: साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly Elections) के चुनाव होने वाले हैं और चुनाव के मद्देनजर हर पार्टी की कोशिश है कि उसका संगठन मजबूत रहे. इसी क्रम में प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी भी लगी हुई है.  हालांकि, भाजपा महिला मोर्चा (BJP Mahila Morcha) की प्रदेश अध्यक्ष की एक मांग से भाजपा टेंशन में आ गई है.


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बता दें कि बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ने हर जिले से महिलाओं को टिकट देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि वह महिलाओं को न्याय दिलाएंगी. बीजेपी महिला मोर्चा की डिमांड है कि पार्टी द्वारा हर जिले से 2023 विधानसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट दी जाए. बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष माया नरोलिया का दावा है कि इस बार मप्र में महिलाएं ही सरकार बनाएंगी.


जिले से महिलाओं को कम से कम एक टिकट दिया जाए
एमपी में 230 विधानसभा सीटें हैं. जिनमें से बीजेपी की महिला विधायक व मुश्किल एक दर्जन से ज्यादा हैं. जिसमें सरकार की 3 महिला मंत्री भी शामिल हैं. महिला भाजपा विधायकों की कम संख्या को देखते हुए बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष माया नारोलिया (Maya Narolia) ने अपनी ही पार्टी से डिमांड कर दी है कि 2023 विधानसभा चुनाव में उन्होंने हर जिले से महिलाओं को कम से कम एक टिकट दिया जाय.


बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि जिताऊ महिला चेहरों को टिकट मिलना चाहिए. मैं प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते महिलाओं को न्याय दिलाने का काम करूंगी. माया नारोलिया ने कहा कि अबकी बार मध्यप्रदेश में 200 पार और एमपी सरकार महिलाएं ही बनाएंगी.


पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं
गौरतलब है कि बीजेपी महिला मोर्चा की डिमांड से पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पार्टी के टिकिटों को लेकर समीकरण बिगड़ सकते हैं. डिमांड के बाद टिकट नहीं मिली तो बीजेपी महिला वर्करों के बीच असंतोष भी पनप सकता है. पार्टी की इंटरनल चिंता इस डिमांड से बढ़ती नजर आ रही है.


बीजेपी को फायदा भी हो सकता है
हालांकि इसका एक दूसरा पक्ष भी है. अगर एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में महिलाओं को ज्यादा टिकट देने से बीजेपी को फायदा हो सकता है.बता दें कि मध्य प्रदेश चुनाव में महिला उम्मीदवारों को टिकट देने से साइलेंट वोटर का समर्थन पार्टी को विधानसभा चुनाव में मिल सकता है. खासकर उन महिलाओं का जो महिला उम्मीदवार को वोट देने के लिए अधिक इच्छुक हो सकती हैं. साथ ही महिला मतदाता, महिला उम्मीदवार के लिए मतदान करने में अधिक सहज महसूस कर सकती हैं क्योंकि उन्हें लग सकता है कि उनके मुद्दों को एक महिला द्वारा बेहतर ढंग से उठाया जा सकता है.