आकाश द्विवेदी/भोपाल। मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पूरी तरह से एक्टिव है. पार्टी ने अपने सभी विधायकों और सांसदों को मिशन-2023 की तैयारियों में लगा रखा है. लेकिन बीजेपी ने प्रदेश में कुछ ऐसी जानकारी जुटा रही है. जिस पर अब सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी का कहना है कि उसकी इस जानकारी से प्रदेश में सामाजिक सद्भावना भी होगी और समाज में पार्टी की पेठ भी बनेगी. वहीं कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी यह जानकारी जुटाकर सांप्रदायिकता फैलाना चाहती है. 


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बीजेपी जुटा रही धार्मिक स्थलों की जानकारी 
दरअसल, बीजेपी मध्य प्रदेश में धार्मिक स्थलों की जानकारी जुटा रही है. बीजेपी ने बूथ स्तर के प्रमुख से उनके क्षेत्र में मंदिर मस्जिद की जानकारी जुटाने के लिए कहा है. इसके अलावा पार्टी ने अपने सभी विधायकों और सांसदों को भी धार्मिक स्थलों की जानकारी देने के लिए कहा है. बीजेपी के इस प्रयास को 2023 के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. लेकिन इस मुद्दे पर अब प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है. 


एप के जरिए जुटाई जा रही जानकारी 
खास बात यह है कि बीजेपी धार्मिक स्थलों की जानकारी एप के जरिए जुटा रही है. यह पूरी जानकारी सरल एप पर दी जाएगी. बीजेपी ने हाल ही में विधायक सांसदों को सरल एप का टास्क किया था, जहां मजोर बूथों के साथ धार्मिक स्थलों की भी जानकारी मांगी गई है. इस एप में ही पूरी जानकारी देनी होगी. 


बीजेपी ने कही सामाजिक सद्भावना की बात 
वहीं प्रदेश में धार्मिक स्थलों की जानकारी जुटाने के मुद्दे पर बीजेपी ने सामाजिक सद्भावना की बात कही है. बीजेपी के प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी ने बताया कि ''बूथ विस्तारक अभियान को देश में सराहा गया, अब कजोर बूथों की की गणना कि जा रही है.  जिसमें धार्मिक, आर्थिक और व्यावसायिक स्थलों की जानकारी शासन की योजनाओं के लिए जरूरी है. क्योंकि इससे समाज मे हमारी पैठ भी बनेगी और सामाजिक सद्भावना भी होगी. क्योंकि सबकों लाभ की जरुरत है, इसलिए यह जानकारी जरूरी है.''


कांग्रेस ने लगाया सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप 
वहीं बीजेपी के इस अभियान पर कांग्रेस ने निशाना साधते हुए सांप्रदायिक फैलाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि ''सांप्रदायिक आधार पर देश को बांट कर राजनीति करना बीजेपी का मूल उद्देश्य है. धार्मिक स्थलों की जानकारी कलेक्टर के पास होती है. विधायक से जानकारी मांगना जरूरी नहीं है. लेकिन बीजेपी की पूरी राजनीति धार्मिक बटवारे पर आधारित है, विधायकों से जानकारी मांगना इस बात का गवाह है की बीजेपी धार्मिक आधार पर देश को बांटना चाहती है.''


प्रदेश के धार्मिक स्थलों की जानकारी जुटाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं की अपनी-अपनी राय है. लेकिन इस मुद्दे को 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि दोनों ही पार्टियों की नजर इस बार हर वर्ग पर है और कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहता है.