mohan yadav statement on mata sita: राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव एक बार फिर अमर्यादित बातें कह गए. इस बार उन्होंने नागदा/खाचरोद में आयोजित कारसेवक सम्मान समारोह में माता सीता को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की है. उन्होंने माता सीता के जीवन की तुलना तलाकशुदा से करने के साथ ही उनके धरती में समाने को आज के समय में आत्महत्या के समान बताया है.


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आत्महत्या और तलाकशुदा से की तुलना
मंत्री मोहन यादव जब कार्यकर्ताओं को भगवान शिव, प्रभु राम व माता सीता के बारे में संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने माता सीता के जीवन की तुलना तलाकशुदा जीवन से की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि माता सीता का भूमि में समाना आज के समय मे आत्महत्या के समान है. अब इस बात को लेकर वह लगातार ट्रोल हो रहे हैं.


Video: माता सीता पर उच्च शिक्षा मंत्री की अमर्यादित टिप्पणी! देखें वीडियो


मंत्री ने क्या-क्या कहा पढ़िए...
जिस सीता माता को राम इतना बड़ा युद्ध करके लेकर आए. उनको राज्य की मर्यादा के कारण गर्भवती होने के बाद छोड़ना पड़ा. सीता माता के बच्चों को जंगल में जन्म देना पड़ा. वह माता इतने कष्ट के बावजूद भी अपने पति के प्रति कितनी श्रद्धा रखती है. भगवान राम के जीवन की मंगल कामना करती है. भगवान राम के गुणों को बताने के लिए उन्होंने अपने बच्चों को भी संस्कार दिए.


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इसके आगे उन्होंने कहा कि आमतौर पर अगर आज का समय हो तो इसे तलाक के बाद का जीवन समझ लो. किसी को घर से निकाला दो तो होए क्या उसका? लेकिन ऐसे कष्ट के बावजूद संस्कार कितने अच्छे की लव कुश भगवान राम को खुद रामायण याद दिला रहे हैं.


धरती फट गई माता समा गई. पत्नी ने राम के सामने अपना शरीर छोड़ा और शरीर छोड़ने को आत्महत्या के रूप में ही माना जाता है, लेकिन ऐसे कष्ट के बाद भी भगवान राम ने अपना जीवन कैसे बिताया होगा. यह कल्पना करना भी मुश्किल है. बावजूद इसके भगवान राम ने रामराज्य के लिए अपना जीवन दिया.


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क्या था कार्यक्रम?
मोहन यादव उज्जैन के नागदा/खाचरोद के कारसेवकों के सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि रविवार रात शामिल हुए थे. यहां नरेंद्र मोदी खेल प्रशाल में आयोजित कार्यक्रम में वंदे मातरम ग्रुप की ओर से 94 कार सेवकों का सम्मान कार्यक्रम रखा गया थे. हालांकि, 94 में से कई कारसेवक दिवगंत हो चुके हैं, जिनके परिजनों को सम्मान समारोह में आमंत्रित कर सम्मानित किया गया.


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इस पूरे मामले में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की ओर से अब तक कोई सफाई नहीं दी गई. हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है मंत्री जी इससे पहले भी कई बार अपनी अमर्यादित टिप्पणियों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं.


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