हरीश गुप्‍ता/छतरपुर: मध्‍य प्रदेश के छतरपुर में बीजेपी विधायक को शिकायत मिलने पर हकीकत जानने भेष बदलना पडा. दरअसल, चंदला से बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति को शिकायत मिली थी क‍ि लवकुशनगर तहसील में बने लोक सेवा केंद्र मे उनकी विधानसभा के लोगों के कामों के लिये दो महीने से बहाना बनाकर भगा दिया जाता है. 


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आधे घंटे तक लोक सेवा केंद्र में ग‍िड़ग‍िड़ाते रहे व‍िधायक 
इसी शिकायत की हकीकत जानने विधायक जी हकीकत जानने न‍िकल पड़े थे. उन्‍होंने लोक सेवा केंद्र के काउंटर मे जाकर नामातंरण का आवेदन दिया तो लोक सेवा केंद्र ने बहाना शुरू कर दिया. आधे घंटे तक विधायक लोक सेवा केंद्र में ग‍िड़ग‍िड़ाते रहे लेकिन उनका आवेदन नहीं लिया गया. इस बात से व‍िधायक ने नतीजा न‍िकाला क‍ि उन्‍हें जो श‍िकायत म‍िली थी, वह ब‍िलकुल सही थी. इसके बाद वह प्रशासन‍िक अध‍िकार‍ियों के पास पहुंचे.  


कलेक्‍टर से म‍िलकर ठेका न‍िरस्‍त करने की कही बात 
विधायक ने तत्काल तहसीलदार को लोक सेवा केन्द्र को ठीक से संचालित न होने की बात की और फिर कलेक्टर से मिलकर लोक सेवा केंद्र का ठेका निरस्त करने की बात कही. 



पहले भी चर्चा में आ चुके हैं व‍िधायक 
बता दें क‍ि नवंबर 2021 में भी व‍िधायक चर्चा में आए थे. जब जिले के कलेक्टर उन्हें मिलने के लिए वक्त नहीं द‍िया तो ऐसे में वह कलेक्टर शीलेंद्र सिंह के बंगले पर धरने पर बैठ गए. राजेश प्रजापति ने कलेक्टर पर आरोप लगाए थे कि वह दलित विधायक हैं, इसलिए छतरपुर कलेक्टर न तो उनसे मिलते हैं और न ही उनकी कोई बात सुनते हैं. दरअसल, चंदला विधानसभा से बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर छतरपुर कलेक्टर से मिलने के लिए आए थे. छतरपुर कलेक्टर ने न तो उन्हें समय दिया और न ही उनसे मुलाकात की थी. उस समय राजेश प्रजापति ने कलेक्टर शीलेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे. 


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