नई द‍िल्‍ली: हरी मिर्च का उपयोग खाने में हर ज‍गह क‍िया जाता है. पूरे दुनिया में इसकी खेती होती है. बाजार में इसकी मांग साल भर रहती है. मिर्च का स्‍वाद काफी तीखा होता है. इसका उपयोग अचार, मसाले, सब्जी, औषधीय और सॉस बनाने में होता है. इसी हरी मिर्च की खेती से किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. 


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सही तापमान पर करें खेती 


मिर्च की खेती के लिए 15 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान होना सही रहता है. कम तापमान में इसके पौधों को नुकसान पहुंच सकता है. जलभराव की स्थिति में पौधों के खराब होने की आशंका अधिक रहती है. अच्छी जल निकासी वाली जमीन का चुनाव करें. मिर्च की अच्छी पैदावार लेने के लिए हल्की उपजाऊ मिट्टी सही रहती है. मिर्च की खेती के लिए जमीन का पीएच स्तर (पावर ऑफ हाइड्रोजन) 6-7 होना चाहिए. इसकी खेती के लिए विभिन्न प्रकार कार्बनिक पदार्थ युक्त मिट्टी हो तो ज्यादा अच्छा रहता है.


अच्छी जल निकासी वाली जमीन का चुनाव करें


मिर्च की अच्छी पैदावार लेने के लिए हल्की उपजाऊ मिट्टी सही रहती है. मिर्च की खेती के लिए जमीन का पीएच स्तर (पावर ऑफ हाइड्रोजन) 6-7 होना चाहिए. इसकी खेती के लिए विभिन्न प्रकार कार्बनिक पदार्थ युक्त मिट्टी हो तो ज्यादा अच्छा रहता है. 


मिर्च की खेती के लिए हल्की उपजाऊ मिट्‌टी ही सही


मिर्च ऐसी फसल है, जिसमें किसान अत्यधिक खर्च करता है. फसल में वायरस आने के बाद पूरी फसल बर्बाद हो जाती. मिर्च की फसल में वायरस लगने का प्रमुख कारण रासायनिक खाद है. वायरस से बचाव के लिए जैविक खाद सबसे बड़ा हथियार है. इसके ल‍िए खेती की जमीन में केंचुओं का इस्‍तेमाल क‍िया जाता है. 


गोबर खाद से होता है फायदा 
हर साल 6 से 7 ट्रॉली गोबर खाद प्रति एकड़ में डालने से केंचुओं को उनका आहार भरपूर मात्रा में मिलता है और केंचुओं की संख्या भी बढ़ती है. इससे जमीन की उर्वरक क्षमता बनी रहती है. 


बड़वानी के एक किसान 5 एकड़ जमीन में मिर्च की खेती कर सालाना 35 से 40 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. जैव‍िक खेती से अब उनका प्रॉफ‍िट 4 गुना हो गया है. 


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