Citizenship Amendment Act Notification: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. गृह मंत्रालय ने सीएए को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. यह कानून 2019 में पारित हुआ था, लेकिन अभी तक लागू नहीं हुआ था. यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को नागरिकता प्रदान करता है. अगर हम मध्यप्रदेश की बात करें तो 2020 में प्रदेश की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने इस कानून का विरोध किया था और इसे वापस लेने की मांग की थी.


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क्या है CAA?
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही गृह मंत्रालय ने आज सीएए को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को तेजी से नागरिकता देने के लिए लाए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (सीएए) के कार्यान्वयन के नियम अब जारी किए जाएंगे. आपको बता दें कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है, जो यहां पांच साल तक रहने के बाद 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत में आए थे.


कमलनाथ सरकार ने विरोध प्रस्ताव पारित किया था
अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो कमल नाथ के नेतृत्व वाली तत्कालीन मध्य प्रदेश सरकार ने फरवरी 2020 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था और केंद्र से इसे वापस लेने के लिए कहा था. कैबिनेट बैठक के बाद तत्कालीन जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा था, ''चूंकि नया कानून संविधान की मूल भावना और चरित्र के साथ-साथ हमारे समाज में निहित सहिष्णुता के खिलाफ है, इसलिए एमपी सरकार केंद्र से सीएए 2019 को निरस्त करने का अनुरोध करती है.