Chandra Grahan 2023: शरद पूर्णिमा पर्व पर इस बार साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लग रहा है. शनिवार-रविवार की दरमियानी रात अश्विन नक्षत्र की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा में मेष राशी में ये चंद्र ग्रहण होगा, जो रात 01 बज कर 05 मिनट पर शुरू होगा और रात 02 बज कर 24 मिनट तक रहेगा.  इस ग्रहण के लिए सूतक काल शाम 4 बज कर 5 मिनट से शुरू हो गया है. सूतक काल लगते ही देशभर के सभी मंदिरों के पट बंद हो गए हैं, लेकिन महाकाल मंदिर के पट बंद नहीं हुए हैं.


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कालों के काल पर नहीं होता असर
करीब 1 घंटा 19 मिनट तक ग्रहण का असर रहेगा. इसका सूतक काल शनिवार शाम 04 बज कर 05 मिनट पर शुरू हो गया है. वेधकाल लगते ही कई मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. उज्जैन में भी कई मंदिरों की तस्वीरें सामने आई है, जहां दर्शनार्थी भगवन के दूर से दर्शन लाभ ले रहे है लेकिन गर्भ गृह में किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. मंदिरों में संध्या आरती भी नहीं हो पाई. हालांकि महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन और पूजन व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया. मान्यता है कालों के काल महाकाल पर किसी प्रकार के ग्रहण असर नहीं होता है. 


रविवार सुबह खुलेगा गर्भ गृह
सभी मंदिरों के गर्भ गृह रविवार सुबह खुलेंगे. यहां शुद्धिकरण के बाद ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा और भक्तगण भगवान के दर्शन कर पाएंगे. शुद्धिकरण के बाद ही मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू होगी. 


इन राशियों के अशुभ रहेगा चंद्र ग्रहण 
महाकाल मंदिर के ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा ने बताया कि ये ग्रहण मेष, सिंह और वृषभ राशि के लिए ठीक नहीं है बाकी राशियों के लिए लाभदायक रहेगा. मेष, सिंह और वृषभ वाले नियमों का ध्यान रखें. साथ ही राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो वर्तमान की सरकारों का पतन इसमें निश्चित है.


सूतक/वेधकाल लगते ही कोई मांगलिक कार्य नहीं होते
मान्यता अनुसार सूतक(वेधकाल) लगने के बाद किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते. स्नान, हवन एवं भगवान का स्पर्श भी नहीं किया जाता. इस दौरान ग्रहण की छाया से सब कुछ अशुद्ध हो जाता है. भोजन बनाने से भोजन करना भी उचित नहीं माना जाता है. खाने पीने के सामग्री में तुलसी का पत्ता रख इन सबसे बचा जा सकता हैं. ग्रहण मोक्ष होने के बाद पूजा, पाठ, स्नान, दान, पुण्य उपासना करने का महत्व है.


उज्जैन के अंगारेश्वर महादेव, माता हरसिद्धी का धाम, श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम, द्वारकाधिश गोपाल मंदिर, मंगलनाथ धाम समेत अन्य मुख्य मंदिरों के कपाट पूरी तरह बंद कर दिए गए, जो अब रविवार सुबह मंदिर के शुद्धिकरण के बाद ही खुलेंगे. हालांकि शुद्धिकरण श्री महाकाल मंदिर में भी होगा. साथ ही देर रात भस्मार्ती में प्रवेश भी 3 बजे बाद दिया जाएगा.


उज्जैन से राहुल सिंह राठौड़ की रिपोर्ट