बजट सत्र के बाद MP में होगा बड़ा फेरबदल! बदले जाएंगे इन मंत्रियों के प्रभार जिले; पार्टी ने दी 8 नसीहतें
MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आज मंत्रियों की बैठक के साथ ही भाजपा कार्यालय में पार्टी की बड़ी बैठक का आयोजन हुआ. इन बैठकों में मंत्रियों के प्रभार वाले जिले बदलने की बात हुई है. इसके साथ ही पार्टी ने मंत्रियों को 8 नसीहतें भी दी है. जिससे चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया जा सके.
MP News: भोपाल। मध्य प्रदेश में पांचवी बार सत्ता में आने के लिए बीजेपी (BJP) ने संगठन स्तर पर भी कमर कस ली है. रविवार को बीजेपी ऑफिस और सीएम हाउस में बीजेपी कोर ग्रुप में बैठकों का आयोजन हुआ. इसमें सराकर और संगठन के बड़े चेहरे भी शामिल रहे. यहां चुनावों के मद्देनजर पैसला हुआ कि मंत्रियों के प्रभार वाले जिले )Changes in Shivraj Cabinet) बदले जाएंगे. क्योंकि वहां वो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है. वहीं पार्टी की ओर से मंत्रियों को 8 नसीहतें भी दी गईं.
बैठक से निकले मंत्रियों ने क्या कहा?
- बैठक में कई मंत्रियों ने प्रभार वाले जिले दूर होने की शिकायत आई है. जिन मंत्रियों का अपने क्षेत्र में दौरा कम हो रहा है. उनके प्रभार के जिले बदल जाएंगे.
- मंत्री नगरीय प्रशासन ने कहा कि मंत्री मंडल की बैठक में मंत्रियों के प्रभार जिलो की समीक्षा हुई है. इसमें प्रभार जिलों का दौरा, विकास यात्रा में रिस्पांस पर विमर्श हुआ है. संगठन की ओर से मंत्रियों को निर्देश मिले हैं.
- गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि सत्ता और संगठन कैसे मिलजुल कर काम करें. इसको लेकर चर्चाएं हुई हैं. जिले को लेकर भी चर्चाएं हुई.
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दी गई ये 8 नसीहतें
- हर महीने कोर कमेटी की बैठक उपस्थित हों
- प्रभार के जिलों में एक रात जरूर विश्राम करें
- कार्यकर्ताओं के साथ कभी-कभी भोजन करते रहें
- प्रवास में सबसे पहले जिला कार्यालय जाकर पदाधिकारी से चर्चा करें, इसके बाद सरकारी बैठकों में जाएं
- 2-3 ऐसे कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर अलर्ट पर रखें, ताकि आपात स्थिति में वे सीधे बात कर सकें
- प्रभार के जिले में होने वाली सरकारी नियुक्तियां जल्द से जल्द पूरी करें
- किसी भी संस्था संगठन के कार्यक्रम में सहमति देने से पहले स्थानीय जिला अध्यक्ष से चर्चा करें
- संगठन के कार्यक्रमों को प्राथमिकता से पूरा करें
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बजट सत्र के बाद होगा फैसला
अब पूरी संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन बैठकों में हुई चर्चा के अनुरूप बजट सत्र के बाद इस संबंध में फैसला ले सकते हैं. क्योंकि मंत्रियों ने संगठक के सामने अपनी समस्या रखी है कि वो प्रभार का जिला दूर होने के कारण वहां का दौरा नहीं कर पा रहे हैं. इतना ही नहीं बजट सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की भी संभावना है.