Chattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) में विधानसभा के चुनाव (State Assembly Election) के लिए टिकट बंटवारे से पहले ही नेताओं के नाराजगी सामने आने लगी है. ऐसा ही सूरजपुर विधानसभा (Surajpur Assembly) क्षेत्र में देखने को मिला. प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंह (TS Singh) के भाई बिन्देश्वर शरण सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है. उन्होंने कह दिया है कि अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देंगी तो वो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से उन्हें ज्यादा तवज्जों नहीं मिली है. जिसकी वजह से वो पार्टी से नाराज रह रहे हैं. 


MP assembly election 2023: पूर्व डकैत मलखान सिंह ने थामा कांग्रेस का हाथ, कमलनाथ ने दिलाई सदस्यता


कांग्रेस की बढ़ेगी मुसीबत!
बिन्देश्वर सिंह के इस ऐलान को कांग्रेस पार्टी काफी गंभीरता से ले रही है. पार्टी के लिए हर एक सीट पर समीकरण को साधना बहुत जरूरी है. पार्टी के नेता ये मान रहे हैं कि ये पार्टी के कद्दावर नेता हैं, जिनका नाराज होना चुनाव के लिहाज से बिलकुल सही नहीं है. इस ऐलान से पार्टी  की चिंता साफ दिख रही है. बता दें कि  पार्टी के खिलाफ इनके द्वारा दिये गये बयानों से पहले ही कांग्रेस परेशान थी और अब ये ऐलान पार्टी को मुसीबत में डालने के लिए काफी है.


जानिए कौन हैं बिन्देश्वर शरण सिंह
बिन्देश्वर सिंह उर्फ विक्की बाबा छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव के भाई हैं. पिछले विधानसभा चुनाव (2018) में सूरजपुर के जिला अध्यक्ष थे. उनके ही नेतृत्व में सूरजपुर में कांग्रेस ने क्लीन स्वीप कर जीत हासिल की थी. दरअसल सूरजपुर जिले में कुल 3 विधानसभा सीट हैं. बीजेपी ने 2018 से पहले के राज्य के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था और विक्की बाबा के नेतृत्व में बीजेपी बुरी तरह हारी थी. शायद यही वजह है कि ये टिकट की मांग कर रहे है. बता दें कि इसके पहले विक्की बाबा ने चुनाव कभी नहीं लड़ा है. प्रदेश की खबरों कि माने तो प्रदेश में सरकार बनने के बाद पार्टी द्वारा इनको तवज्जों नहीं मिली है. जिसके वजह से ये नाराज है. 


अब देखना ये होगा कि क्या पार्टी आलाकमान और प्रदेश के नेता इनको मनाने में सफल होते है या नहीं! अगर विक्की बाबा अलग चुनाव लड़ते हैं तो क्या ये पार्टी में सेंधमारी कर पाएंगे? ये बात तो तय है कि अगर ये निर्दलीय चुनाव लड़ते है तो कांग्रेस को इसका नुकसान प्रत्यक्ष रूप से उठाना पड़ेगा. जिसका फायदा बीजेपी को ही होगा.


रिपोर्ट - ओपी तिवारी