Cheetah in Kuno Palpur Park: प्रमोद शर्मा/भोपाल। नामीबिया से श्योपुर के कूनो पालपुर अभ्यारण्य में लाए गए 8 चीतों का क्वारंटाइन का समय अब खत्म हो गया है. ऐसे में चीतों को अब अभ्यारण्य के बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है. हालांकि अभी केवल 2 ही चीतों को शनिवार की शाम बड़े बाड़े में छोड़ा गया, जबकि 6 चीते अभी छोटे बाडे़ में ही रह रहे हैं. बताया जा रहा है कि धीरे-धीरे सभी चीतों को बडे़ बाड़े में छोड़ा जाएगा. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ने की प्रोसेस वन मंत्री विजय शाह को बिना बताए ही पूरी कर दी, जिस पर वन मंत्री ने नाराजगी जताई है और उन्होंने अधिकारियों से इस मामले में जवाब भी मांगा है. बता दें कि ये चीते 50 दिन से क्वारंटाइन थे. पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर चीतों को बड़े बाड़े में छोड़े जाने पर खुशी जताई है. 


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पीएम मोदी ने किया ट्वीट 
चीतों को बडे़ बाड़े में छोड़े जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर खुशी जताई है. पीएम ने ट्वीट कर लिखा ''बढ़िया खबर! बताया गया कि अनिवार्य क्वारंटाइन के बाद 2 चीतों को कुनो निवास स्थान में और अनुकूलन के लिए एक बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है. जबकि अन्य चीतों को भी जल्द ही छोड़ा जाएगा. मुझे यह जानकर भी खुशी हुई कि सभी चीते स्वस्थ हैं, सक्रिय हैं और अच्छी तरह से तालमेल बिठा रहे हैं.'' खास बात यह भी हैं कि इन चीतों में एक मादा चीता का नाम पीएम मोदी ने ही रखा है. पीएम मोदी ने उसे आशा नाम दिया है. 


17 सितंबर को भारत पहुंचे थे चीते 
भारत में चीता प्रोजेक्ट के तहत 8 चीते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के दिन नामीबिया से भारत लाए गए थे, जिन्हें खुद प्रधानमंत्री ने बाड़े में छोड़ा था. अब दो चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है, जो और बड़े एरिया में आसानी से घूम फिर पाएंगे. खास बात यह है कि ये चीते 50 दिन बाद अब शिकार भी कर पाएंगे, क्योंकि पार्क में चीतों के शिकार के लिए चीतल, हिरन जैसे जानवर शिकार के लिए मौजूद हैं. मामले में कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों का कहना है कि दो नर चीते बड़े बाड़े में रिलीज किए गए हैं, अन्य चीतों को भी जल्द बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा.


वन मंत्री ने जताई नाराजगी 
हालांकि बताया जा रहा है कि दोनों चीतों को बड़े बाड़े में छोड़े जाने के फैसले की जानकारी वन मंत्री विजय शाह को नहीं दी गई, जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई है. मंत्री का कहना है कि अधिकारियों ने जल्दबाजी में यह फैसला लिया है, इससे चीतों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है. क्योंकि पार्क में पहले से मौजूद तेंदुओं से अगर चीतों का टकराव हुआ तो परेशानी हो सकती है. मंत्री ने कहा कि 70 साल बाद चीतों को भारत लाया गया है, इसलिए उनकी सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है. हालांकि  चीता प्रोजेक्ट से जुड़े जानकारों का कहना है कि अब चीतों को बाड़े में छोड़े जाने का समय आ गया है.


चीता-तेंदुआ आ सकते हैं आमने-सामने 
दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में तेंदुए पहले से ही मौजूद हैं, ऐसे में अगर चीतों और तेंदुए का आमना-सामना हुआ तो खतरा बढ़ सकता है. चीतों की जिस बड़े बाड़े में शिफ्टिंग हुई है वहां मौजूद तेंदुए को पकड़ने के लिए पूरी कोशिश की गई, लेकिन तेंदुआ पकड़ में नहीं आया. ऐसे में अब ये चीते 80 दिन बाद शिकार करेंगे.