Chhatarpur News: छतरपुर जिले में दो मासूम बच्चे अजीब बीमारी का शिकार हो गए है. जिससे उनका चेहरा काफी डरावना हो गया है. बताया जा रहा है कि गौरिहार तहसील के बजरंगपुर गांव में एक 12 वर्षीय मासूम बच्चा न्यूरो फाइब्रो सेन्ट्रोसिस नाम की अजीबोगरीब बीमारी से ग्रसित है. अब स्वास्थ्य विभाग की आरबीएस की टीम गांव पहुंची है, और अब गणेश के इलाज के लिए आवश्यक दस्तावेज तैयार करवाए जा रहे हैं. 


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बता दें कि गणेश प्रजापति नाम का यह बच्चा जन्म से ही इस बीमारी से ग्रसित था,.चेहरे पर अजीब आकार होने की वजह से इसका नाम गणेश रख दिया गया, और जैसे-जैसे बच्चा बड़ा हुआ उसके नाक और मुंह के ऊपर का आकार बड़ा होता चला गया ,गणेश के चेहरे का आकार लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसकी वजह से जब स्कूल जाता था तो उसके साथी छात्र उसे चिढ़ाया करते थे, और इसी हीन भावना से ग्रसित होकर गणेश ने आखिरकार पढ़ाई छोड़ दी.


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परिवार का आर्थिक हालत बेहद खराब
गणेश के परिवार की माली हालत बेहद खराब है. पिता मजदूरी करते हैं, और भाई भी मजदूर है. वहीं मां बोल नहीं पाती है. ऐसे में परिवार के पास उसका इलाज कराने के लिए पैसे भी नहीं थे. जैसे-तैसे घर का गुजर-बसर होता है. गणेश के बड़े भाई ने उसे एक बकरी लाकर दी है, और अब गणेश उस बकरी को चराने जाता है. और यही उसकी दिनचर्या बन गई है. गणेश के नाक और चेहरे में बढ़ा हुआ आकार उसके मुंह को भी ढक चुका है. जिसकी वजह से उसे खाने पीने में भी असहज महसूस होता है. वहीं न तो वह दौड़ पाता है न ही खेलकूद कर सकता है. गणेश पढ़ना चाहता है, बच्चों के साथ खेलना चाहता है लेकिन इस अजीब बीमारी ने एक तरह से उसका बचपन उससे छीन लिया है, और इसी वजह से वह सामान्य बच्चों से अलग धलग बैठा बस उन्हें खेलते कूदते देखता रहता है.


स्वास्थ्य विभाग शुरू कर रहा इलाज की तैयारी
स्वास्थ्य विभाग की आरबीएस की टीम गांव पहुंची है, और अब गणेश के इलाज के लिए आवश्यक दस्तावेज तैयार करवाए जा रहे हैं. वहीं इस मामले में सीएमएचओ डॉ. लखन तिवारी का कहना हैं कि आरबीएस की टीम को गांव भेजा गया था. आयुष्मान कार्ड भी बनवाया जा रहा है, और जबलपुर में डॉक्टर से बात हुई है. बच्चे का इलाज और सर्जरी जबलपुर में कराई जाएगी, और इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रशासन और उनके स्वयं के स्तर पर जो भी संभव होगा, वह बच्चे के हित में किया जाएगा. 


वहीं उन्होंने बताया कि छतरपुर जिले में ऐसा एक और मामला राजनगर के गंगवाहा से सामने आया है. जहां एक आदिवासी बच्चा इसी बीमारी से ग्रसित है, दोनों बच्चों के उपचार की व्यवस्था की जा रही है.


रिपोर्ट- हरीश गुप्ता