Chintaman Ganesh Mandir Ujjain: बाबा महाकाल (baba mahakal) की नगरी उज्जैन (ujjain) में भगवान शिव की पूजा के लिए देश के कोने-कोने से भक्त आते हैं. धार्मिक नगरी अवंतिका में बाबा महाकाल की पूजा के साथ ही भगवान श्री गणेश (Shri Ganesh) की पूजा का भी विशेष महत्व है. उज्जैन से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चिंतामण गणेण मंदिर में चैत्र माह के हर बुधवार को भक्तों का मेला लगता है. यहां पार्वतीनंदन भगवान श्री गणेश के तीनों स्वरूपों में- पहला चिंतामण, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक में भक्तों को दर्शन देते हैं.


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भगवान राम ने की थी स्थापना
धार्मिक मान्यतानुसार इस गणेश मंदिर में भगवान चिंतामण गणेश की स्थापना भगवान राम ने वनवास के दौरान थी. वहीं इच्छामन और सिद्धिविनायक गणेश की स्थापना लक्ष्मण जी और सीता माता ने की थी. ऐसा मान्यता है कि जो भक्त चैत्र माह के बुधवार के दिन चिंतामण गणेश मंदिर में दर्शन पूजन करता है. भगवान गणेश उसकी सभी मनोकामना पूरी कर देते हैं. साथ ही उसे सभी प्रकार के चिंता से मुक्त कर देते हैं.


चैत्र माह के बुधवार को किया जाता है विशेष पूजन
चैत्र माह में रबि की फसल पककर तैयार हो जाती है. किसान अपनी फसल को बाजार में बेचने से पहले चैत्र माह के बुधवार के दिन भगान चिंतामण गणेश को अर्पित करते हैं. किसानों का मानना है कि ऐसा करने से फसल की पैदावार अच्छी होती है और हमें फसल काटने और बेचने में किसी तरह के मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ता है. 


जानिए तीनों स्वरुपों का महत्व
इस बार चैत्र माह में भगवान गणेश का कीक पांच जन्ना निकाली जाएगी. बीते बुधवार को भगवान चिंतामण गणएश का मनोहारी श्रृंगार किया गया था. अब अगला श्रृंगार 15 मार्च को किया जाएगा. बताया जाता है कि इस अद्भुत मंदिर की मूर्तियां स्वयंभू हैं. मंदिर में स्थित चिंतामण गणेश भक्तों को चिंता से मुक्ति, जबकि इच्छामन गणेश भक्तों के इच्छा की पूर्ति और सिद्धिविनायक स्वरूप सिद्धि प्रदान करते हैं. 


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