CAA Citizenship in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने सीएए के तीन पहले आवेदकों को नागरिकता दी. दो पाकिस्तानी और एक बांग्लादेशी को भारतीय नागरिकता दी है. दो पाकिस्तानी और एक बांग्लादेशी को भारतीय नागरिकता दिए जाने को लेकर सीएम मोहन ने कहा कि हमारे परिवार के लोग अपना धर्म बचाने के लिए हमारे पास आ रहे हैं. वहीं, बांग्लादेशी नागरिकता पाने वाली महिला ने कहा कि भारत में उन्हें भगवान की पूजा और भक्ति करने की आजादी है.


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आज CAA 2019 के तहत राज्य के पहले तीन आवेदकों दो पाकिस्तानी समीर मेलवानी, संजना मेलवानी और एक बांग्लादेशी की राखी को भारतीय नागरिकता दी गई. दो पाकिस्तानी समीर मेलवानी और संजना मेलवानी ने मई में नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. राखी दास बांग्लादेश से आई हैं. 2004 में बांग्लादेश से भारत आई राखी का कहना है कि बांग्लादेश में महिलाओं को महिला माना जाता है जबकि भारत में उन्हें इंसान माना जाता है.


 


 



तीन आवेदकों को नागरिकता


बता दें कि आज भोपाल में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत राज्य के पहले तीन आवेदकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की है. प्राप्तकर्ताओं में दो पाकिस्तानी और एक बांग्लादेशी शामिल हैं.  गौरतलब है कि शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए सीएए एक बहुत ही अहम एक्ट है. इस अधिनियम का उद्देश्य पड़ोसी देशों यानी अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाईयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है.


'एमपी में आपका स्वागत है'
सीएम मोहन यादव ने कहा कि ये एक ऐसी कठिनाई थी जिसका निराकरण करके एक ऐसा रिश्ता स्थापित किया है. जो अखंड भारत की याद दिलाता है .  हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी इस भरोसे से उन देशों में रह गये. काल के प्रवाह में बड़े पैमाने में उन देशों में हमारे लोगों को काफी तकलीफें झेलनी पड़ीं. सीएम ने कहा कि ये हिंदू परिवार तत्कालीन सरकार के भरोसे ये वहां रह गये थे. हिंदुओं को दूसरे देशों की सरकारें इनको सुरक्षा नहीं दे पा रही थी . ये अच्छी बात है कि हमारे परिवार के लोग अपना धर्म बचाने के लिए हमारे पास आ रहे हैं. . ये चाहते तो धर्म परिवर्तन कर सकते थे लेकिन ये देश लौट कर आये हैं. एमपी में आपका स्वागत है. शासन आपकी पूरी मदद करेगा.