CM Mohan Yadav: मध्यप्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के तौर पर डॉ. सीएम मोहन यादव ने एक महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया है. उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में ही जनता के हितों को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है. जिससे पूरे राज्य में अब सकारात्मक संदेश गया है कि सरकार जनका की सेवा के लिए अग्रसर हैं. इसके साथ ही मनमानी करने वाले अफसरों पर भी सरकार का डंडा पड़ा है. यानी मध्यप्रदेश की नई मोहन सरकार का सुशासन पर फोकस करते हुए जीरों टॉलरेंस की नीति अपना रही है.


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नौकरशाही पर नकेल
सीएम मोहन यादव ने नौकरशाही पर 1 महीने के अंदर ही नकेल कसते हुए जीरो टॉलरेंस नीति के माध्यम से सुशासन का संदेश दिया है. सीएम यादव का संदेश साफ है कि प्रदेश की जनता को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही अधिकारी जनता की समस्याओं को निपटारा करें. आईये जानते हैं कि किन अफसरों पर सरकार की गाज सीधे गिरे हैं...


नौकरशाहों को कड़ा संदेश
सीएम डॉ. मोहन यादव ने गुना में हुए बड़े बस हादसे के लिए कलेक्टर पर एक्शन लेने के साथ ही, कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था. गुना बस हादसे में 13 लोगों की मौत की जांच में सामने आया था कि वाहनों को अवैध  तरीके संचालन किया जा रहा था. इसके बाद कलेक्टर, एसपी के साथ ही ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पद से हटा दिया था. बता दें कि किसी भी सड़क हादसे में सरकार द्वारा अब तक की गई ये सबसे बड़ी कार्रवाई थी.


औकात दिखाने वाले कलेक्टर को हटाया
इसके बाद शाजापुर में हिट एंड रन कानून का विरोध कर रहे ट्रक ड्राइवरों को औकात दिखाने वाले कलेक्टर किशोर कान्याल को 24 घंटे के अंदर ही हटा कर सीएम मोहन यादव ने कड़ा संदेश दिया था. शाजापुर कलेक्टर को हटाते हुए सीएम ने कहा था कि सबके काम का सम्मान होना चाहिए. हम लगातार गरीबों की सेवा कर रहे हैं. इस तरह की भाषा हमारी सरकार में बर्दाश्त नहीं होगी.


तहसीलदार को हटाया
इसके अलावा सोशल मीडिया पर वायरल  हुए देवास जिले के सोनकच्छ तहसीलदार के वायरल वीडियो पर एक्शन लेते हुए उन्हें फील्ड से हटा दिया. सीएम ने उन्हें हटाते हुए कहा कि आम लोगों को सभ्य और शालीन भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए. दरअसल सोनकच्छ तहसीलदार ने ग्रामीणों पर भड़कते हुए कहा था कि ''कह रही हैं, चूजे हैं यह, अंडे से निकल नहीं, बड़ी-बड़ी मरने मारने की बात करते हैं. कैसे इसने बोल दिया कि मैं रिस्पांसिबल हूं. मैं तहसीलदार हूं. ये वीडियो वायरल के बाद उनपर कार्रवाई हुई.


बीज निगम के अधिकारी की नौकरी गई 
वहीं  बीज विकास निगम के प्रोडक्शन असिस्टेंट संजीव कुमार तंतुवे पर गंभीर आरोप लगने के बाद न सिर्फ उन्हें गिरफ्तार किया गया बल्कि नौकरी से भी तुरंत निकाल दिया गया. संजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने ग्वालियर में इंटरव्यू देने आए छात्राओं से नौकरी के बदले एक रात अपने साथ बिताने की डिमांड रखी थी.