प्रियांशु यादव/ग्वालियर: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर अपने बयानों और प्रवचनों के कारण चर्चा में रहते हैं. वहीं हाल ही में बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ ग्वालियर के न्यायालय में एक परिवाद पेश किया गया है. इस बार मुद्दा बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा अपने प्रवचनों में कलचुरी समाज के आराध्य देव भगवान सहस्त्रबाहु जिन्हें सहस्त्रबाहु अर्जुन कहा जाता है उनके खिलाफ टिप्पणी करने का है. कलचुरी समाज के आराध्य पर बयानबाजी के मामले में एडवोकेट अनूप शिवहरे ने अदालत में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ परिवाद पेश किया गया है.


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कलचुरी समाज के आराध्य पर बयानबाजी का है मामला
परिवाद में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड करने का मुद्दा उठाया गया है. धीरेंन्द्र शास्त्री वीडियो में कलचुरी समाज के आराध्य देव भगवान सहस्त्रबाहु को अत्याचारी, बलात्कारी, और दुष्ट बता रहे हैं. बता दें कि वीडियो अपलोड करने और कलचुरी समाज के आराध्य देव की मानहानि और लोगों की भावनाएं आहत करने पर  धीरेन्द्र शास्त्री को  9 मई को नोटिस भेजा गया था. नोटिस का जवाब ना देने पर ग्वालियर की जिला अदालत में यह परिवाद पेश किया गया है. अब इस मामले में 1 जुलाई को सुनवाई होगी.


एकांतवास से लौटे पं.धीरेंद्र शास्त्री
गौरतलब है कि छतरपुर के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पांच दिन के एकांतवास के बाद वापस आज शाम अपने धाम लौट आए हैं. एकांतवास के बाद आज खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचें बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने अपने द्वारा लिखी गई एक किताब के संदर्भ में बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि, बाला जी की कृपा से एकांतवास के दौरान उनके पुस्तक लेखन का कार्य पूरा हो गया है.


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सनातन धर्म पर लिखी किताब
धीरेंद्र शास्त्री द्वारा जो यह किताब लिखी गई है वह खासतौर से सनातन को लेकर और 12वीं तक के बच्चों में सनातन और हिंदुत्व को लेकर नव जागृति पैदा करने के लिए लिखी गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि, जीवन में मैंने एक सूत्र सीखा है कि जब ताली बजती है, तो गाली भी मिलती है.