Madhya Pradesh News: जिस कचरे से शहर की स्थिति बदहाल और बदतर हो जाती थी. जो कचरा बीमारियों का घर था. आज वही कचरा अब लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा है. शहडोल जिले की धनपुरी नगरपालिका ने बेहतर कचरा प्रबंधन को लेकर एक अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत घरों से निकलने वाले कचरे से जैविक खाद बनाया जा रहा है. 


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जैविक खाद फलों और सब्जियों के अपशिष्ट सहित अन्य अपशिष्ट पदार्थों से तैयार किया जा रहा. इतना ही नहीं खाद को बेचकर 80 हजार रु महीना की अर्निंग हो रही है. साथ ही 40 से अधिक लोगों को रोजगार भी मिला है. राहत की बात यह है कि धनपुरी नगरपालिका को SLP में मध्य प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है.


खाद की बाजार में काफी डिमांड
आय के मामले में प्रदेश में अपना एक अलग पहचान बनाने वाली शहडोल संभाग की सबसे धनी नगर पालिका धनपुरी नवाचारों के मामले में कमाल कर रहा है. यहां नगर पालिका ने घर–घर से कचरा और जूठन उठाती है. फिर उससे जैविक खाद बना कर बाजार में बेचकर अच्छी कमाई कर रही है. नगरपरिषद की बनाई इस खाद की बाजार में डिमांड भी काफी है. 


बाग-बगीचों में इस्तेमाल हो रही खाद
नगर के रसोई घर का जूठन और नगर के सार्वजनिक जगहों पर मिलने वाला कचरा महज कचरा था, मगर अब राजस्व का बड़ा जरिया बन गया है. शहर का सारा कचरा एक साथ एकत्रित करके डंपिंग यार्ड में कचरा पहुंचने के बाद इसमें जूठन आदि को वर्मी कम्पोस्ट में बदलकर उससे जैविक खाद बनाई जा रही है. धनपुरी में तैयार हो रही जैविक खाद को आमजन घर के बाग-बगीचों और किसान खेतों के लिए खरीद रहे हैं. इस जैविक खाद की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. 


बाहर कचरा नहीं फेंकते लोग
नगर पालिका अध्यक्ष रविंदर कौर छाबड़ा ने बताया कि नगर पालिका क्षेत्र में कुल 28 वार्ड हैं. 14 गाड़ियां सभी वार्डों में जाती हैं. सभी गाड़ियों से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग लिया जाता है. इस कचरे से खाद बनाई जा रही है. इस पूरी प्रोसेस से कर्मचारियों का वेतन भी निकल रहा है और नगर पालिका को अच्छी आय हो रही है. इस पहले के लिए रविंदर कौर ने अपनी टीम को धन्यवाद भी दिया. उन्होंने बताया कि है कि अगर किसी दिन वार्ड में गाड़ियां नहीं जा पाती हैं तो लोगों का फोन आता है और वे कहते हैं कि कचरा बाहर नहीं फेकेंगे.


रिपोर्ट: पुष्पेंद्र चतुर्वेदी, शहडोल