Congress Politics: भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस अब पूरी तरह से चुनाव पर फोकर हो गई हैं. इसके लिए नेताओं को जिम्मेदारी का बटवारा किया जा रहा है. कांग्रेस ने इसमें एक कदम आगे बढ़ाते हुए बड़े नेताओं को क्षेत्रिय गणति के हिसाब से जिम्मेदारी सौंप दी है. इसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव (Arun Yadav) को बुंदेलखंड़  (Bundelkhand Politics) के 4 जिलों का जिम्मा दिया गया है. आखिर निमाण के नेता से कांग्रेस को बुंदेलखंड में क्या उम्मीद दिख रही है? आइए समझते हैं यहां का गणित


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इन 4 जिलों का दिया गया प्रभार
मध्य प्रदेश की 26 सीटों का प्रभार अरुण यादव को दिया गया है. इसमें सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाडी जिले (Niwari Chhatarpur Tikamgarh) शामिल हैं. ये वो इलाके हैं जहां अच्छी खासी संख्या में OBC वोटर हैं. ऐसे में कांग्रेस की उम्मीद है कि इन वोटरों को यादव पार्टी के फेवर में कर सकते हैं. इससे बुंदेलखंड में एक बार फिर पार्टी को बहुमत मिल सकता है.


क्या कहता है जातिगत गणित
सागर संभाग के 6 जिलों के 26 सीटों पर करीब 2 लाख यादव वोटर्स है. कांग्रेस को अरुण यादव को जिम्मेदारी देने का सबसे बड़ा कारण यही है. क्योंकि अरुण खुद भी इस वर्ग से आते हैं इस कारण इन वोटरों को लुभाना उनके लिए आसान हो सकता है.


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अभी क्या हैं कांग्रेस की स्थिति
बुंदेलखंड की 26 सीटों में भजापा के पास 18, कांग्रेस के पास 7 जबकि एक सीट बसपा के खाते में है. टीकमगढ़ और निवाडी दो ऐसे जिले हैं जहां कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है. ऐसे में अरुण यादव के पास इन 7 सीटों में इजाफा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है. अब देखना होगा कू कांग्रेस का ये प्लान कितना कारगर साबित होता है. फिलहाल यादव अपने अभियान की शुरूआत कर रहे हैं. इसका असर चुनाव के बाद ही नापा जा सकेगा.


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