Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को घेरने वाले कांग्रेस नेता अब हार के बाद अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर है. श्योपुर में कांग्रेस नेता सब्बीर नागोरी ने अपनी ही पार्टी के कद्दावर नेता कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और विधायक रामनिवास रावत को पार्टी से निकालने के लिए मोर्चा खोला. कांग्रेस नेता सब्बीर नागोरी ने रामनिवास रावत पर नगर पालिका से लेकर जिला पंचायत और जनपद के चुनाव में बीजेपी के लिए काम करते हुए कांग्रेस को हरवाने के गंभीर आरोप लगाए. इस शिकायत के साथ उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को लेटर लिख रामनिवास रावत को निष्कासित करने की मांग की.


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रामनिवास रावत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कांग्रेस नेता सब्बीर नागोरी का आरोप है कि रामनिवास रावत के कहने पर श्योपुर नगर पालिका अध्यक्ष पर महिला सीट होने के चलते उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए अपनी पत्नी अफशाना नागोरी को चुनाव लड़ाया और रामनिवास रावत ने अपने खास रहे कांग्रेस नेता सुजीत गर्ग की पत्नी को बीजेपी का समर्थन करवा कर अध्यक्ष बनाया और उन्हें चुनाव हरवा दिया. कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत विपक्षी पार्टी के बीजेपी ने नेता नगर पालिका अध्यक्ष के घर आना जाना है. रामनिवास रावत को पार्टी से निष्कासित करने की मांग करने वाले सब्बीर नागोरी की पत्नी अफसाना नगरी वार्ड 21 से कांग्रेस की पार्षद है.


भितरघात करने वालों को बताया सांप
इधर, भोपाल में हार पर मंथन और लोकसभा की तैयारियों को लेकर बुलाई गई बैठक में इसी तरह का नजारा देखने को मिला. बैठक में हारे हुए प्रत्याशियों के अपनी पार्टी के नेताओं पर भितरघात के आरोप लगाए और उन्हें आस्तीन का सांप बताया. गुना से हारे प्रत्याशी पंकज कनेरिया ने कहा कि पार्टी में आस्तीन के सांप नहीं, खुले सांप घूम रहे हैं. ये बड़े नेताओं के पाले हुए होते हैं. हम अपनी बात कहां रखें? इसके अलावा अशोकनगर से प्रत्याशी रहे राव यादवेंद्र सिंह यादव ने कहा कि जो आस्तीन के सांप हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है.


भीतरघात पर भाजपा की कार्रवाई
दूसरी ओर भाजपा ने भीतरघात करने वाले नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की. पार्टी ने संगठन के 11 पदाधिकारियों को निष्कर्षित किया. इसमें दो पूर्व बीजेपी जिला अध्यक्ष सहित पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कविता मीणा भी बीजेपी से निकली गईं. 11 निष्कर्षित सदस्यों में किसान मोर्चा सहित युवा मोर्चे के नेता भी शामिल हैं. यह कार्रवाई विधानसभा चुनाव में भीतरघात करने के चलते हुई. बीजेपी उम्मीदवार दुर्गालाल विजय की शिकायत के बाद बीजेपी ने सभी को निष्कासित किया.