कमलनाथ या दिग्गी: 2023 में कांग्रेस किस चेहरे पर लगाएगी दांव, पार्टी के दिग्गज नेता ने बता दिया
मध्य प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष इंदौर के शेख अलीम को बनाया गया है. आज राजधानी भोपाल में शेख अलीम ने पदभार ग्रहण किया. इस दौरान कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे. जहां कांग्रेस विधायक ने बड़ा बयान दिया.
भोपालः मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा भी चालू हो गई है कि कांग्रेस 2023 का विधानसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी या फिर पार्टी में कोई बदलाव होगा. इसी को लेकर कांग्रेस के एक दिग्गज नेता ने आज बड़ा बयान दिया है.
कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा 2023 का चुनावः आरिफ मसूद
दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चे का प्रदेश अध्यक्ष इंदौर के शेख अलीम को बनाया गया है. आज राजधानी भोपाल में शेख अलीम ने पदभार ग्रहण किया. इस दौरान पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी मौजूद थे. शेख अलीम के पदभार ग्रहण करने के दौरान भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि ''कमलनाथ को लेकर कई लोग भ्रम फैला रहे है वो 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा नहीं होंगे, लेकिन 2023 का विधानसभा चुनाव कमलनाथ के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा. जिसमें कांग्रेस पार्टी को जीत मिलेगी.''
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कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में ही उतरेगी, भले ही कई लोग इस बात का भ्रम फैला रहे हैं कमलनाथ 2023 में चेहरा नहीं होंगे. लेकिन हमें उनकी बातों में नहीं आना है. आरिफ मसूद के इस बयान के बाद प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. भले ही इस मुद्दे पर कमलनाथ ने कुछ नहीं कहा हो लेकिन इस बात को लेकर लंबे समय से चर्चा है कि आखिर कांग्रेस 2023 का विधानसभा चुनाव किस नेता के नेतृत्व में लड़ेगी.
वहीं शेख अलीम के पदभार के दौरान कमलनाथ ने कहा कि ''देश में विभाजन को लेकर कई लोग कोशिश कर रहे है. पंडित नेहरू के आगे भी एक चुनौती थी कैसे एक झंडे के नीचे सबकों खड़ा करें. आज मोदी जी और शिवराज जी पूछते है कांग्रेस ने इतने सालों में क्या किया मोदी जी और शिवराज जी जिस स्कूल में पढ़े है वो कांग्रेस की देन है.''
कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा गया था 2018 का विधानसभा चुनाव
दरअसल, कांग्रेस ने 2018 का विधानसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा था. लेकिन उस वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में शामिल थे. उन्हें भी चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी मिली थी. 2018 में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद कांग्रेस ने सरकार भी बनाई थी. लेकिन सिंधिया की बगावत के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई. हालांकि सरकार गिरने के बाद से ही कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं.
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