MP में कांग्रेस MLA ने फिर दिया विवादित बयान, इस बार तो माननीय ने हद ही कर दी
Mohan Cabinet Decisions: मोहन मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगी है, मध्य प्रदेश में भी अब वीआईपी कल्चर खत्म होता दिख रहा है, प्रदेश में 52 साल पुराना नियम बदल दिया गया है.
Phool Singh Baraiya: अपने बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है. इस बार उन्होंने प्रदेश की पुलिस को ही निशाने पर लिया है. विधायक फूल सिंह बरैया ने पुलिस पर अभद्र टिप्पणी की है, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. विधायक ने यह बयान भिंड जिले के मेहगांव में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, बीती 12 जून को भिंड जिले के मेहगांव पोरसा स्टेट हाईवे पर सोनी रेलवे स्टेशन के पास तेरहवी में शामिल होने जा रहे अनुसूचित जाति समाज के कुछ लोगों पर एक अनयंत्रित कार चढ़ गई थी. जिससे एक दर्जन लोग घायल हुए थे और इलाज के दौरान चार साल के बच्चे की मौत हो गई थी. घटना के बाद पीड़ित लोगों का कहना था कि जब वह पुलिस में शिकायत करने पहुंचे थे तो पुलिस पर अभद्रता और मारपीट के आरोप लगाए थे, इसके अलावा पीड़ित परिवार ने बच्चें की डेड बॉडी रखकर चक्का जाम भी किया था, लेकिन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के पहुंचने के बाद मामला तो सुलट गया था.
विधायक का विवादित बयान
घटना के बाद सोमवार को देर शाम भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया ने पीड़ित लोगों से मुलाकात की थी. उन्होंने मामले में न्याय दिलाने के लिए मेहगांव तहसील के सामने आम सभा का आयोजन किया था. यही उन्होंने बोलते हुए विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा था कि 'थानेदार बहन-बेटियों को थाने में बिठाकर फरियादियो को धमकाने के लिए इस्तेमाल करते हैं.' जिसके बाद से ही उनका यह बयान तेजी वायरल हो रहा है.
हालांकि फूल सिंह बरैया का बिगड़े बोलों का यह कोई पहला वायरल वीडियो नहीं है, इससे पहले भी फूल सिंह बरैया लगातार सामान्य वर्ग के खिलाफ लगातार विवादित बयान देते रहे हैं. फूल सिंह बरैया ग्वालियर चंबल अंचल में बड़े दलित नेता माने जाते हैं. वह फिलहाल दतिया जिले की भांडेर विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. उन्होंने भिंड लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
भिंड से प्रदीप शर्मा की रिपोर्ट
ये भी पढ़ेंः मोहन कैबिनेट 52 साल पुराना नियम बदला, MP में VIP कल्चर खत्म, सरकार नहीं भरेगी मंत्रियों का टैक्स