Congress Plan For MP Election: भोपाल। मध्य प्रदेश में अपनी सत्ता को वापस लाने के लिए कांग्रेस ने प्लान बनना शुरू कर दिया है. घोषणा पत्र समिती की बैठक में शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) की योजनाओं के काउंटर में बिंदू तैयार किए जा रहे हैं. वहीं 2 से ज्यादा बार हारने वाली सीटों पर फोकस बनाने के लिए दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) और कमलनाथ (Kamalnath) साथ-साथ काम कर रहे हैं. यानी कांग्रेस ने 2023 के चुनाव (MP Election 2023) के लिए लगभग अपना पूरा प्लान तैयार कर लिया है.


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जहां हारे वहां उम्मीद ज्यादा
18 अप्रैल से कमलनाथ प्रदेश भर में दौरे करने वाले हैं. इसमें वो इलाके प्रमुखता से शामिल हैं, जहां कांग्रेस पिछले 3-4 चुनाव हारती आई है. इससे पार्टी को उम्मीद है कि एंटी एनकंवेंसी का फायदा उठाकर वो अपनी एंट्री करा पाएंगे. ऐसे में कहां जा सकता है कि जहां कांग्रेस अब तक हारती आई है वहां उसे उम्मीद ज्यादा है.


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दिग्विजय सिंह और कमलनाथ साथ-साथ
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को जीतने के लिए दिग्विजय सिंह और कमलनाथ साथ-साथ काम कर रहे हैं. दोनों नेता विधानसभावार दौरे पर निकल रहे हैं. बतौर समन्वयक दिग्विजय सिंह जनता से मिलने के साथ ही मंडल सेक्टर अध्यक्षों व बीएलए, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस, सेवादल, किसान कांग्रेस और आईटी सेल प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों से बैठक करेंगे. वहीं कमलनाथ सभाएं और रैली कर जनता से संवाद करेंगे.


क्या है दिग्विजय के दौरों का प्लान
- 21 अप्रैल तक 4 जिलों की 6 विधानसभाओं में नब्ज टटोलेंगे
- सीहोर, शाजापुर, आगर मालवा व उज्जैन शामिल हैं
- 19 अप्रैल को सीहोर जिले की सीहोर और आष्टा विधानसभा
- 20 अप्रैल को शाजापुर जिले की शुजालपुर विधानसभा
- 20 अप्रैल को ही आगर मालवा जिले की सुसनेर विधानसभा
- 21 अप्रैल को उज्जैन की उज्जैन उत्तर और उज्जैन दक्षिण विधानसभा


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सरकार के काउंटर में बना ये प्लान
सोमवार को कांग्रेस घोषणा पत्र समिती की बैठक की गई. इसमें फैसला हुआ कि पार्टी हर जिले के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी करेंगे. इसमें राज्य के मुद्दों के साथ ही स्थानीय समस्याएं और मुद्दे होंगे. इसके अवाला लाडली बहना योजना को काउंटर करने की रणनीति के तहत काम किया जाएगा और अभियान चलाकर हर नेता अपने क्षेत्र में लोगों से मुलाकात करेंगे.


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नेताओं को नसीहत के साथ सर्कुलर
लगातर मीडिया में विवादित बयानों को लेकर नेताओं के चर्चा में आने के कारण पार्टी की किरकिरी को कम करने के लिए भी प्लान तैयार किया गया है. इसके लिए सभी को नसीहत दी गई है कि वो ऊल जलूल बयान देने से बचे. इसके साथ ही मीडिया से थोड़ी दूरी बनाए रखे. पार्टी को ओर से जारी एक सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि नेता अपनी गाड़ियों में कांग्रेस का झंडा जरूर लगाएं.


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