नई दिल्ली: कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए 50 सालों में दो बार ही चुनाव की नौबत आई है. 2019 में राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद ये पद अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी देख रही हैं. अब चुनाव होना है, जिसमें कांग्रेस डेलीगेट्स ही हिस्सा लेंगे, जिन्हें वोट देने का अधिकार हासिल होगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तारीख 17 अक्टूबर तय हो गई है. उस दिन पार्टी अपने अध्यक्ष का चुनाव करेगी. इस चुनाव को कराने की जिम्मेदारी पार्टी की सेंट्रल इलेक्शन अथारिटी (सीईए) की है. इस चुनाव की अगुवाई पार्टी के महासचिव मधुसूदन मिस्त्री कर रहे हैं. 
कुल मिलाकर 5 सदस्य हैं, जो नामांकन से लेकर उम्मीदवारी और पार्टी में हिस्सा लेने वाले सदस्यों की सूची पर नज़र रखेंगे और सारे चुनाव की प्रक्रिया भी करेंगे. 


कौन होंगे अगुवाई करने वाले अहम सदस्य 


1. मधुसूदन मिस्त्री जो सीईए के चेयरमैन हैं. वे गुजरात के नेता शंकर सिंह वाघेला के साथ थे. शुरूआती दिनों में वे भूगोल के प्रोफेसर के तौर पर अहमदाबाद में थे. अहमदाबाद की कपड़ा मिलों के बड़े मजदूर संगठन मजूर महाजन संघ के नेता भी बने. उन्होंने आक्सफोर्ड से अपनी शिक्षा ग्रहण की. बाद में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह राजनीती में आ गए . वे दिशा नाम से एक एनजीओ भी चलाते हैं. मिस्त्री राहुल गाँधी के करीबी नेता माने जाते हैं.


2. अरविंदर सिंह लवली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं और वह दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष भी हैं. वर्ष 2016 में वह कांग्रेस से नाराज़  होकर भाजपा में चले गए थे लेकिन एक साल बाद ही वो कांग्रेस में लौट आए.


3. सीईए की तीसरी सदस्य तमिलनाडु के करूर से लोकसभा सांसद जोतीमनी सेन्नीमलाई हैं. कॉलेज की पढ़ाई करते हुए ही वे युवा पॉलिटिक्स में आ गई थी फिर वे कांग्रेस में शामिल हुई और अब कांग्रेस की महासचिव भी हैं.


4. चौथे सदस्य हैं कर्नाटक के तीन बार विधायक रहे कृष्णा बायरे गौडा. कृष्णा कर्नाटक के किसान परिवार से तलूक रखते हैं . उन्होंने क्राइस्ट यूनिवर्सिटी से अपने कालेज में पढ़ाई की फिर वे अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पढ़ने चले गए. वहां रहकर उन्होंने इथियोपिया दूतावास के साथ कृषि एक्सपर्ट के तौर पर काम किया. 


5. केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के पांचवें सदस्य उत्तर प्रदेश के बनारस से लोकसभा सदस्य रह चुके डॉ. राजेश मिश्रा हैं. उनकी उम्र 72 वर्ष है. वे किताबे भी लिखते हैं और कांग्रेस के सक्रीय नेता हैं . उन्होंने  विधायक से लेकर सांसद बनने का सफर तय किया है.


क्या होगी चुनाव की पूरी प्रक्रिया  


1. कांग्रेस के इस चुनावों में अध्यक्ष पद पर वोट देने का अधिकार कांग्रेस डेलीगेट्स को ही रहेगा.


2. कांग्रेस के पास 9000 डेलीगेट्स हैं, जो इसमें हिस्सा लेंगे. डेलीगेट्स की सूची सार्वजनिक करने की मांग की है पर इस मांग को ख़ारिज कर दी गई है . कांग्रेस का कहना है कि जिसे भी ये सूची देखनी है, वो प्रदेश कांग्रेस कमेटी में देखी जा सकती है लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.


3. वोटिंग का काम 17 अक्टूबर को होगा. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालयों पर वोट डाले जाएंगे और इनकी गिनती की जाएगी. सारे देश के राज्यों में वोटों की गिनती करने के बाद  विजेता का फैसला होगा. 


4. वैसे 50 सालों में दो बार ही कांग्रेस में वोटों से चुनाव कराने की नौबत आई है. वर्ष 2000 में सोनिया गांधी चुनावों में जब अध्यक्ष पद के लिए खड़ी हुईं थी तो जितेंद्र प्रसाद ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ा था . तब सोनिया को 7448 वोट मिले तो जितेंद्र प्रसाद को 94 वोट.


5. वर्ष 2000 से 2017 तक सोनिया ही कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी जाती रहीं . उसके बाद 2017 में सर्वसम्मति से राज्य कांग्रेस कमेटियों ने प्रस्ताव पास करके राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाया. राहुल ने 2019 में लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था. तब से अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी ही इसे संभाल रही हैं.