MP Assembly Election: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में भी अब कांग्रेस ने जातिगत जनगणना की मांग उठाई है. कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये मांग उठाई है. इसमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में 22 साल से बीजेपी की सरकार है लेकिन पिछड़ा वर्ग को कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि 2011-12 में मनमोहन सिंह की सरकार में हमने जातिगत जनगणना का काम शुरू किया था, लेकिन सरकार नहीं रही और काम रुक गया. 


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पिछड़ों के लिए क्या किया ?
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 9 साल से मोदी की सरकार ये बताएं कि पिछड़ों के लिए क्या किया ? मनमोहन सरकार के जातिगत जनगणना के आकंड़े रिलीज करने में क्या दिक्कत है. सरकार बताएं आंकड़े कब रिलीज कब करेंगे. पिछड़ों के लिए क्या एजेंडा है सरकार का, ये मोदी सरकार देश को बताएं. पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा किसकी कितनी आबादी है ये जानना हमारा अधिकार है. उच्च शिक्षा में 27% आरक्षण जो कांग्रेस ने लागू किया था उसका ठीक तरीके से पालन नहीं किया गया. मध्यप्रदेश में भी ओबीसी के अधिकारों को छीनने का काम किया गया.



ट्रांसजेंडर ओबीसी कैटेगरी में शामिल 


शिवराज सरकार पर हमला करते हुए कमलेश्वर पटेल ने कहा पंचायत और निकाय चुनाव में आरक्षण को छीना गया. कोर्ट में सरकार ने ठीक से पैरवी नहीं की. ट्रांसजेंडर को ओबीसी कैटेगरी में शामिल करने पर पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने बड़ा बयान देते हुए कहा ट्रांसजेंडर के लिए अलग से व्यवस्था करनी चाहिए. सरकार को कैबिनेट और विधानसभा में प्रस्ताव लाना चाहिए था. ट्रांसजेंडर को ओबीसी में शामिल कर ओबीसी के कोटे में कटौती की गई है. उन्होंने सरकार पर ओबीसी के हक को छीनने का आरोप लगाया.


OBC आयोग की रिपोर्ट पर भी सवाल
कमलेश्वर पटेल ने मध्य प्रदेश ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए. कमलेश्वर पटेल ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोई सर्वे नहीं कराया, महाजन आयोग का डाटा चुरा लिया. फेक डेटा कोर्ट में पेश किया गया. एमपी में ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं मिला. मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर अरुण यादव ने भी बड़ा आरोप लगाया है. लॉ एंड ऑर्डर के मामले पर मध्यप्रदेश देश मे सबसे नीचे है. अपराध के मामले में नम्बर वन है. सिस्टम कोलैप्स हो चुका है. सरकार भांग खाकर सो रही है. वहीं सत्यपाल मलिक के बयान पर अरुण यादव ने कहा कि बहुत ही संवेदनशील मुद्दा उन्होंने उठाया.  मैं पुलवामा अटैक की जगह पर गया हूं. पुलवामा के फैक्ट्स को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही. सरकार सच्चाई से मुकर रही है. सरकार को जवाब देना चाहिए.