भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना केस (Corona Case In MP) बढ़े हैं, जिसे लेकर प्रशासन की तैयारी तेज हो चुकी है. हालांकि कोरोना के इस नए वेरिएंट को लेकर डरने की जरूरत नहीं है. फिलहाल इसके माइल्ड सिम्टम्स ही देखने को मिल रहे हैं. साथ ही सरकार की तैयारी भी तेजी से आगे बढ़ रही है. मध्य प्रदेश में आज से बच्चों का वैक्सीनेशन (Covid Vaccination In MP) शुरू हो रहा है. इसके तहत 15 से 18 साल के बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए टीका (Child Vaccination In MP) लगेगा. टीकाकरण अभियान का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh) शुभारंभ करेंगे. सभी स्कूलों,आर्मी स्कूल, मदरसे, एकलव्य, नवोदय और केंद्रीय विद्यालय, पालीटेक्निक, आइटीआइ, कालेज और अन्य शिक्षण संस्थानों में शिविर लगाकर बच्चों का वैक्सीनेशन किया जाएगा. आज 15 लाख वैक्सीन लगाने का लक्ष्य है.


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बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए स्कूल, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीम मिलकर इसे सफल बनाने के लिए काम कर रही हैं. टीकाकरण के लिए पहचान पत्र के तौर पर स्कूल का आईडी कार्ड भी मान्य है. इस दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी मोबिलाइजर का काम करेंगे. टीका लगने के बाद आधा घण्टा वैक्सीनेशन सेंटर पर इंतजार करना होगा, ऑब्जर्वेशन के बाद घर भेजा जाएगा. पूरे प्रदेश में 15 से 18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन का रजिस्ट्रेशन जारी है. भोपाल में 140 स्कूलों के छात्रों को 3 जनवरी को वैक्सीन लगाई जाएगी. इसके लिए ऑन द स्पॉट और ऑनलाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं. 


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वैक्सीनेशन की जरूरी बातें
1. 2007 में या उससे पहले जन्में बच्चों को ही टीका लगेगा
2. टीकाकरण के लिए बच्चों का रजिस्ट्रेशन 1 जनवरी 2022 से कोविन ऐप पर करवाना है
3. तीन जनवरी से टीकाकरण शुरू होगा
4. सरकार की तरफ से ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन भी दिया है
5. टीकाकरण केंद्र पर ही सत्यापन किया जाएगा
6. प्रदेश के 17,892 स्कूलों में 15-18 साल के 36.8 लाख बच्चे रजिस्टर्ड हैं
7. जो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं, उन्हें भी स्कूलों के टीकाकरण केंद्र पर वैक्सीन लगेगी
8. आंगनवाड़ी केंद्रों पर भी वैक्सीनेशन की व्यवस्था होगी.


इंदौर में कितने वैक्सीनेशन सेंटर्स
इंदौर जिले में 2 लाख से ज्यादा बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी और इसके लिए 250 से ज्यादा वैक्सीनेशन सेंटर्स बनाए गए हैं. जिन स्कूलों को वैक्सीनेशन के लिए चयनित किया गया है, वहां पर तीन कमरों को रिजर्व रखा गया है. इनमें से पहला कमरा वेटिंग रूम होगा. इसके बाद वैक्सीनेशन रूम और फिर ऑब्जरवेशन रूम बनाया गया है. वैक्सीन लगने के बाद बच्चों को आधे घंटे ऑब्जरवेशन में रहना होगा. वैक्सीनेशन के लिए संकुल स्तर पर व्यवस्थाएं की गई हैं. हर संकुल में कुछ स्कूलों को वैक्सीनेशन के लिए चयनित किया गया है. वहीं छात्र छात्राओं को स्कूल में ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. इसके अलावा अगर बच्चे चाहे तो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कर सकते हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ और इंदौर के वैक्सीनेशन प्रभारी डॉक्टर तरुण गुप्ता ने बताया कि बच्चे संतुलित आहार लें फ्रूट और हरी सब्जियां ज्यादा खाएं ताकि इम्यूनिटी बूस्ट हो. अगर सर्दी बुखार जैसे लक्षण लंबे समय से बने हुए हैं तो कोरोना की जांच जरूर कराएं.


वैक्सीनेशन सेंटर के लिए प्रोटोकॉल
देशभर में स्कूलों में बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटर के लिए खास प्रोटोकॉल बनाए हैं. इसके तहत हर स्कूल का एक नोडल इंचार्ज नियुक्त किया है. वैक्सीनेशन आइडी प्रूफ के लिए स्कूल आइडी कार्ड भी मान्य होंगे. वैक्सीनेशन सेंटर पर वाक-इन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी दी गई है. क्लास टीचर की जिम्मेदारी होगी कि वो पेरेंट्स को नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर की जानकारी दें. बच्चों के साथ आने वाले पेरेंट्स के लिए एक अलग रूम बनाए गए हैं.


 


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