ग्‍वाल‍ियर: नगर निगम परिषद में अपना सभापति बनाने को लेकर ग्वालियर में भाजपा और कांग्रेस के बीच जमकर राजनीति हो रही है.  इसी कड़ी में पहले भाजपा ने अपने नवनिर्वाचित पार्षदों को हरियाणा के रेवाड़ी भेजा और फिर कांग्रेस ने उसका अनुसरण करते हुए अपने पार्षदों को ओरछा भेज दिया. इसी के बाद अब दोनों ही राजनीतिक दल एक दूसरे पर जुबानी हमला कर खुद को सही साबित करने की कोशिश कर रहे हैं. 


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कांग्रेस कर रही बीजेपी पर पलटवार 
भाजपा का कहना है क‍ि उनके पास बहुमत है तो भला उन्हें डरने की क्या जरूरत है. वहीं, कांग्रेस भाजपा पर पलटवार कर रही है. उसका कहना है क‍ि जब मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो उन्होंने अपने नवनिर्वाचित पार्षदों को दूसरे प्रदेश मे क्यों भेजा है. 


क्रॉस वोटिंग का सता रहा डर 
बहरहाल दोनों ही पार्टियां डरी हुई हैं और क्रॉस वोटिंग के डर से अपने अपने पार्षदों को सुरक्षित रखने की कवायद में जुटी हुई हैं. साथ ही कोशिश में हैं कि किसी तरह अपना कुनबा बढाकर सभापति पद पर काबिज हुआ जा सके. 


5 अगस्‍त को होना है सभापत‍ि का चुनाव 
दरअसल, ग्वालियर में 5 अगस्त को परिषद की पहली बैठक बुलाई गई है. इसी दिन नगर निगम ग्वालियर के सभापति का चुनाव होगा. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपना-अपना सभापति बनाना चाहती हैं लेकिन संख्या बल बीजेपी के पक्ष में दिखाई दे रहा है. वहीं, कांग्रेस का दावा है कि उनका सभापति बनेगा. ऐसे में बीजेपी को चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. कांग्रेस के दावे से घबराई बीजेपी ने अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है. 


ग्वालियर नगर निगम परिषद का ये है गणित 


ग्वालियर नगर निगम में 66 वार्ड हैं और यहां सभापति बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 34 पार्षदों का समर्थन चाहिए. नगर निगम चुनाव में बीजेपी के पूरे 34 पार्षद जीते हैं. वहीं कांग्रेस के 25 पार्षदों को जीत मिली. 3 निर्दलीय पार्षद कांग्रेस की सदस्यता ले चुके हैं और 4 और निर्दलीय पार्षद कांग्रेस के संपर्क में बताए जा रहे हैं. इस तरह कांग्रेस के कुल पार्षदों की संख्या 32 हो गई है. यही वजह है क‍ि बीजेपी को ये डर सता रहा है क‍ि कहीं बीजेपी के भी पार्षद कांग्रेस खेमे में न चले जाएं.  


गौरतलब है कि ग्वालियर नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की शोभा सिकरवार ने मेयर चुनाव में जीत हासिल की थी. खास बात ये है कि ग्वालियर नगर निगम में 57 साल से बीजेपी का मेयर बनता आ रहा था लेकिन इस बार इतिहास बदलते हुए कांग्रेस अपना मेयर बनाने में सफल रही.  


ग्वालियर में बीजेपी को क्रॉस वोटिंग का डर! पार्षद दिल्ली रवाना, समझिए पूरा गणित