महेंद्र दुबे/दमोह: हाल ही में संसद में रामसेतु को लेकर पूछे गए एक सवाल के बाद सोशल मीडिया पर एक अलग बहस छिड़ गई है और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के बयान को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं .अब उनके बयान के चलते देश की संसद में रामसेतु को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के बयान पर कुछ संत नाराज हैं और इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. दमोह में प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर कथाकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंत्री जितेंद्र सिंह के बयान पर कहा है कि जो राम का नहीं है,वो अपने बाप का नहीं है. उन्होंने कहा कि रामसेतु को पढ़िए उसका संधि विच्छेद है, राम से तू है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये है मामला
राज्यसभा में हरियाणा से निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा ने रामसेतु को लेकर पूछा था.जिसका जवाब देते हुए मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था , "भारतीय सैटेलाइटों ने भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाले रामसेतु वाले इलाक़े की हाई रिज़ोल्यूशन तस्वीरें ली हैं. हालांकि इन सैटेलाइट तस्वीरों से अब तक सीधे तौर पर रामसेतु की उत्पत्ति और वो कितना पुराना है. इससे संबंधित कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं."


बीजेपी को घेरने की कोशिश 
बता दें कि मंत्री के इस बयान के चलते रामसेतु को लेकर यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार को निशाना साधने वाली बीजेपी को भी घेरने की कोशिश की जा रही है.विपक्ष इसको मुद्दा बनाकर सरकार को घेर रही है.देश में संत समाज में नाराजगी है.


जेएनयू में लिखे गए नारों पर ये बोले कथाकार 
रामसेतु के अलावा जेएनयू में लिखे गए नारों पर कथाकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.उन्होंने कहा कि अगर ब्राह्मण देश छोड़कर चले जाएं तो कहां जाएं. साथ ही साथ इस तरह के नारे लिखने वालों पर निशाना साधते हुए कथावाचक ने कहा कि ना सिर्फ ब्राह्मण, बल्कि वैश्य और क्षत्रिय के खिलाफ भी देश में एक तरह का माहौल बनाया जा रहा है.