दमोह:  मध्यप्रदेश के दमोह जिले में एक निजी स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. गंगा-जमुना स्कूल के एक वायरल पोस्टर में हिंदू टॉपर छात्राओं को हिजाब में दिखाया गया है. ये पोस्टर देखते ही देखते सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ और बीजेपी नेता समेत आम लोगों ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए इसकी जांच की मांग की है. वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी इस मामले में संज्ञान लिया था.


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कलेक्टर-एसपी ने दी क्लीन चिट
सोशल मीडिया पर मामला बढ़ता देख और हिन्दूवादी संगठनों के ज्ञापन सौंपने के ऐलान के बीच दमोह कलेक्टर और एसपी ने ट्वीट कर इस पूरी घटना को सिरे से खारिज कर दिया. दमोह कलेक्टर के आधिकारिक ट्वीट से लिखा गया कि गंगा जमुना स्कूल के एक पोस्टर को लेकर कुछ लोगों द्वारा फैलायी जा रही जानकारी को लेकर थाना प्रभारी कोतवाली और जिला शिक्षा अधिकारी से जांच कराने पर तथ्य गलत पाये गये है. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है. वहीं एसपी दमोह ने कहा कि जांच पर आरोप सिद्ध नहीं हुए है.



गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा क्यो बोले?
इस मामले में जब एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से ये प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई गई है. जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए थे. हालांकि इस मामले में किसी भी स्कूली छात्रा के परिजनों ने कोई शिकायत दर्ज नही कराई है. उसके बावजूद पुलिस अधीक्षक को जांच के आदेश दिए है.



स्कूल की मान्यता रद्द की मांग




बाल आयोग ने लिया था संज्ञान
वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है. आयोन ने अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह कलेक्टर और पुलिस अधिक्षक को जांच के निर्देश दिए थे. हालांकि इस पर अब जिला कलेक्टर ने ट्वीट कर स्कूल पर लग रहे आरोपों को गलत बताया है. आपको बता दें कि गंगा जमना कान्वेंट स्कूल का संचालन एक मुस्लिम संस्था करती है.