महेंद्र दुबे/दमोह: एमपी (MP News) के दमोह में कथित हिजाब कांड के बाद देश की सुर्खियों में आये गंगा जमना स्कूल के बच्चे और उनके अभिभावक सड़कों पर आ गए हैं और स्कूल को फिर चालू करने की मांग पर अड़े हैं. गौरतलब है कि हिजाब मामले के सामने आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद स्कूल की मान्यता निलंबित कर दी गई है और अभी भी निलंबित है. ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले बारह सौ से ज्यादा छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है. प्रदेश में नया शिक्षा सत्र शुरू हो गया है और इस स्कूल के बच्चे स्कूल से वंचित है. स्कूल की मान्यता को लेकर मामला हाईकोर्ट में लंबित है और कोर्ट में अगली सुनवाई 6 जुलाई को होना है, लेकिन इसके पहले ही स्कूल के बच्चे और उनके अभिभावक खासे चिंतित हैं उनकी चिंता भी जायज है क्योंकि उनके सामने दूसरे स्कूलों में दाखिले की भी समस्या है.


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स्कूल को फिर खोलने की मांग की
दरअसल, गंगा जमना स्कूल इंग्लिश मीडियम स्कूल है और शहर के दूसरे स्कूलों की अपेक्षा इस स्कूल में फीस भी कम है. जिला प्रशासन ने इस निलंबित स्कूल के बच्चों के लिए जो सरकारी स्कूल चिन्हित किये हैं वो हिंदी मीडियम के हैं. साफ है इंग्लिश मीडियम में पढने वाले बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत होगी. इन तमाम बातों को लेकर बच्चे और उनके अभिभावक लगातार प्रदर्शन और ज्ञापन दें रहे हैं. इसी क्रम में सैकड़ो बच्चों और उनके अभिभावकों ने इलाके के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के बंगले पर प्रदर्शन किया तो जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से स्कूल को फिर खोलने की मांग की.


सैकड़ों बच्चियों ने किया प्रदर्शन
मामले में जिसे हिजाब बताया गया है, स्कूल प्रबंधन ने उसे स्कार्फ बताया और वही हिजाब या स्कार्फ पहनकर सैकड़ों बच्चियां प्रदर्शन में शामिल हुईं औऱ स्कूल पर लग रहे इस्लामिक शिक्षा के आरोपों पर बच्चे खुलकर बोले कि स्कूल में ऐसा कुछ नहीं होता. वहीं अधिकांश गरीब तबके के बच्चों के अभिभावक भी स्कूल खोले जाने के पक्ष में नज़र आये. इस मामले में सहायक संचालक शिक्षा आर एस राजपूत का कहना है कि स्कूल निलंबन का मामला कोर्ट में है और सरकार के निर्देश पर गंगा जमना स्कूल के बच्चो के दाखिले के लिए सरकारी स्कूल चिन्हित किये गए हैं. यदि इन स्कूलों में कोई दिक्कत है तो शिक्षा विभाग सहायता करेगा.