Online Fraud: सायबर क्राइम इस दौर की सबसे बड़ी समस्या है और इसे लेकर देश भर में चिंता भी जाहिर की जा रही है. पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन खरीदारी और UPI पेमेंट्स की वजह से लोगों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का चलन बढ़ा है. ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रांजेक्शन से जुड़े हुए हैं. हर दिन देश भर में बड़ी संख्या में लोग इसी माध्यम से ठगी का शिकार भी हो रहे हैं. खास तौर पर देश के छोटे शहरों गांव कस्बों के लोगों को ये टेक्निकल ठग हर रोज ठगी का शिकार बना रहे हैं और इसके पीछे वजह इन इलाकों में लोगों का जागरूक न होना और जानकारी का अभाव है. 

 

एमपी का दमोह भी इस समस्या से लगातार जूझ रहा है और जिले भर में ऑनलाइन ठगी के बड़े मामले सामने आ रहे हैं लिहाजा पुलिस की चिंता बढ़ गई है और अब सायबर सेल को और मजबूत करने की दिशा में काम शुरू हुआ है. पिछले कुछ दिनों में तेजी से सामने आए ऑनलाइन फ्राड के मामलों को देखते हुए दमोह पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है और इस एडवाइजरी में लोगों को जागरुक करने की कोशिश की गई है. 

 

पुलिस ने ली NGO की मदद

सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्मस पर इस एडवायजरी को पुलिस ने वायरल किया है. वहीं स्वयंसेवी संगठनों की मदद से भी इस मामले में जागरूकता अभियान चलाने की मुहिम शुरु हुई है, ताकि इस आधुनिक ठगी से लोग बच सकें. पुलिस के मूताबिक जिले के पिछड़े इलाकों में लोग हर दिन छोटी बड़ी ठगी का शिकार हो रहे है. कुछ मामले पुलिस के संज्ञान में आ जाते हैं तो अधिकांश छोटी मोटी ठगी की शिकायतें पुलिस के रोजनामचे में दर्ज नहीं हो पाती. आम तौर पर देखा जाए तो आज शहर हो या गांव व्यक्ति कितना पढ़ा लिखा है ये मायने नहीं रखता लेकिन वो सोशल मीडिया यूजर जरूर है और फेसबुक इंस्ट्रा एक्स वाट्सअप सहित दुसरे एप्स के साथ गेमिंग एप्स यूज कर रहा है. 

 

मोबाइल पर कभी न करें ये काम

इन सोशल साइड्स में कई एड आते हैं जिन्हें जानकारी के अभाव में लोग क्लिक करके अपनी निजी जानकारी भी दे देते हैं. कई बार ऑनलाइन पेमेंट भी करते हैं. लेकिन असल में वो फ्रॉड होता है. एडवायजरी में लोगों को ऐसे एड पर यकीन ना करने की हिदायत दी गई है वहीं कहा गया है कि किसी भी एप का इस्तेमाल करने से पहले लोग पूरी जानकारी ले लें तभी उनका इस्तेमाल करें वहीं ऐसे ठगी के मामलों में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराएं, ताकि और लोगों को इससे बचाया जा सके.

 

रिपोर्ट: महेंद्र दुबे, दमोह